नेपाल में जब से शेर बहादुर देऊबा की संयुक्त सरकार अस्तित्व में आई है तब से चीन को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं। शेर बहादुर ने पीएम पद की शपथ लेने के बाद बयान दिया था कि भारत का स्थान कोई दूसरा देश नहीं ले सकता। भारत ने नेपाल के बदले हुए परिवेश में सीमा से आगे जाकर कोरोना मदद, रेल संपर्क और रोड कनैक्टिविटी पर सक्रिएता तथा नेपाल के इन्फ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने में तेजी दिखाई है। इससे चीन काफी चिढ़ा हुआ है। चीन की चिंता अब और बढ़ गई है, कारण यह है कि भारत और नेपाल ने बटालियन स्तर की मिलिटरी ट्रेनिंग एक्सरसाइज शुरु की है। लगभग 15 दिन की इस एक्सरसाइज को ‘सूर्य किरण’ नाम दिया गया है.
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में शुरू हुआ और 3 अक्टूबर 2021 तक जारी रहेगा। इस अभ्यास के दौरान, भारतीय सेना और नेपाली सेना की एक-एक इन्फैंट्री बटालियन (Infantry Battalion) आपसी रिश्तों को बेहतर करने और आतंकवाद विरोधी अभियानों और आपदा राहत कार्यों के अपने अनुभव को साझा करने के लिए एक साथ प्रशिक्षण देगी।
‘सूर्य किरण’ अभ्यास में दोनों देशों की इन्फैंट्री बटालियन दोनों सेनाओं की तरफ से इस्तेमाल किए जा रहे हथियारों से परिचित होने के साथ-साथ दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के साथ पर्वत युद्ध रणनीति, आपदा सहायता, पहाड़ी इलाकों में बचाव और राहत कार्य दक्षता को साझा करेंगी। आतंकवाद विरोधी अभियान का कठिन अभ्यास भी शामिल है। साथ ही दोनो सेनाएं मानव सहायता विधियों, जंगल युद्ध, ऊंचाई वाले इलाकों में लड़ी जाने वाली जंगे और आपदा राहत विधियों पर एक-दूसरे के अनुभव को जानेंगी। इस अभ्यास में पहाड़ी इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियान को लेकर 48 घंटे का विशेष कठिन अभ्यास शामिल है। यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच ‘इंटरऑपरेबिलिटी’ और साझा अनुभव विकसित करने की पहल का हिस्सा है