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तालिबान ने कहा- फौज की कठपुतली है इमरान, हमारे मसलों में दखल न दे, वरना अंजाम बुरा होगा, Pakistan में मचा बवाल,

Imran Khan के मुंह पर Taliban का करारा तमाचा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शुरुआत से ही तालिबान का गुड़गान गा रहे हैं, लेकिन यही तालिबान अब उनके लिए मुसिबत बनते जा रहा है। पाकिस्तान शुरू से ही तालिबान के समर्थन में है और साथ ही दुनिया से भी समर्थन की मांग कर रहा है। जिस तालिबान के लिए इमरान खान इतना कुछ कर रहे हैं उसी तालिबान ने उन्हें कठपुतली बताया है। तालिबान का यह बयान इमरान खान के लिए किसी तमाचे से कम नहीं हैं।

इमरान खान कठपुतली हैं- तालिबान नेता जनरल मुबीन

तालिबान नेता जनरल मुबीन ने कहा है कि इमरान खान को पाकिस्तान के लोगों ने नहीं चुना है। पाकिस्तान में इमरान खान को लोग कठपुतली कहते हैं। इसके आगे मुबीन ने पाकिस्तान को धमकी देते हुए कहा है कि, हम ये हक किसी को नहीं देते कि कोई हमारे शासन में हस्तक्षेप करे और अगर कोई ऐसा करता है तो हम भी हस्तक्षेप का हक रखते हैं। इसके साथ ही मुबीन ने पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान को अफगानिस्तान के मामलों से दूर रहने की सलाह दी है।

इमरान खान को पीएम जनता ने नहीं चुना है- तालिबान

इसके आगे मुबीन ने कहा है कि, इमरान खान अफगानिस्तान में समावेशी सरकार चाहते हैं। उन्हें जनता ने पीएम नहीं चुना है और हमें सलाह दे रहे हैं। पाकिस्तान के लोग कहते हैं कि वह पाकिस्तानी सेना के कठपुतली हैं। इमरान खान की सरकार में पश्तून सहित सारे अल्पसंख्यक समुदायों के साथ बुरा सलूक किया जा रहा है। पाकिस्तान को अफगानिस्तान में समावेशी सरकार क्यों चाहिए? ताकि वह अपने जासूस और कठपुतली अफगानिस्तान में भर सके। ऐसा नहीं हो सकता। आप मानें या न मानें लेकिन मौजूदा सरकार समावेशी है।

इमरान खान पहले पाकिस्तान का देखें

इसके आगे मुबीन ने कहा है कि, पाकिस्तान का बुरा हाल है और ऐसे में इमरान खान को सबसे पहले अपने देश पर ध्यान देने की जरूरत है ना कि हमारे देश में हस्तक्षेप करने की। वहां के लोगों को बेहतरी के लिए काम करें, हम पाकिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करते हैं और पाकिस्तान से भी यही चाहते हैं।

बदा दें कि, अफगानिस्तान में तालिबान को कब्जा करने में सबसे ज्यादा मदद पाकिस्तान और चीन ने किया है। पाकिस्तान तो तालिबान के लिए अमेरिका तक की नहीं सुना यहां तक कि दुनिया से अपील कर रहा है को वो भी तालिबान का समर्थन करें। लेकिन अब यही तालिबान इमरान खान के लिए मुसिबत बनने वाला है।