तालिबान 2.0 का शासन पहले से बिल्कुल अलग है। तालिबान दुनिया के सामने खुद को शराफत का लिबाज पहने पेश कर रहा हैं, लेकिन वो एक आतंकी संगठन है, इस हकीकत से हर कोई वाकिफ है। तालिबान आश्वासन देता आया है कि महिलाओं के साथ ज्यादती नहीं करेगा और सभी को शांति से जीने का मौका देगा, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। मंगलवार को तालिबानियों ने फगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित कर्ते परवान गुरुद्वारे पर हमला बोला। इस दौरान वहां मौजूद लोगों से बदसलूकी भी की गई। सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दिया गया।
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इस हमले की जानकारी खुद कर्ते परवान गुरुद्वारे के प्रमुख भाई गुरनाम सिंह ने दी। गुरुद्वारे के प्रमुख गुरनाम सिंह ने बताया कि तालिबानियों ने वहां लगे करीब-करीब हर सीसीटीवी कैमरे को तोड़ दिया। माना जा रहा है कि इसका मकसद यह था कि आतंकियों की हरकत कैमरों में रिकॉर्ड न होने पाए। सोशल मीडिया पर जारी कुछ वीडियोज में टूटे हुए सीसीटीवी और उखड़े हुए तार देखे जा सकते हैं।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना मंगलवार शाम करीब 4 बजे की है। गुरुद्वारे में कई सिख मौजूद थे। इनमें से कुछ यहां स्थायी रूप से रहते हैं और कुछ हाल ही में यहां हिंसा से बचने के लिए शरणार्थी के तौर पर आए हैं। दोपहर तक यहां हालात सामान्य थे। करीब चार बजे कुछ तालिबानी यहां घुसे। कुछ हथियारबंद थे, जबकि कुछ खाली हाथ थे। इन लोगों ने पूरे परिसर की गहन तलाशी ली। आपको बता दें कि 15 अगस्त 2021 को काबुल पर कब्जे के तुरंत बाद तालिबान के कुछ लोग गुरुद्वारा करते परवान आए थे। यहां बहुत से हिंदूओं और सिखों ने शरण ली हुई थी। उस समय तालिबान कमांडर ने सिख नेताओं को उनके समाज की सुरक्षा का भरोसा दिलाया था।