वरुण गांधी और मेनका गांधी पर बीजेपी ने डंडा चला दिया है। गुरुवार को बीजेपी ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित कर दी है। इस बार मेनका गांधी और वरुण गांधी को शामिल नहीं किया गया है। यूपी के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में वरुण गांधी के लगातार ट्वीट के बाद संभवत: यह कदम उठाया गया है। आपको बता दें कि वरुण गांधी लगातार किसानों के मुद्दे पर पार्टी को घेर रहे थे। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया और बंगाल चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल मिथुन चक्रवर्ती को भी इसमें जगह दी गई है।
दरअसल, जब आज भाजपा ने 80 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित की तो सबकी नजर इस बात पर गई कि इसमें वरुण गांधी का नाम नहीं है। बीते कुछ समय से वरुण गांधी न सिर्फ केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते रहे हैं, बल्कि लखीमपुर खीरी कांड को लेकर भी योगी सरकार के खिलाफ लगातार मुखर रहे हैं। लखीमपुर खीरी कांड में वरुण गांधी हर दिन ट्वीट कर-करके योगी सरकार पर दबाव बनाते नजर आए हैं।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने की घटना को लेकर बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने बुधवार को एक वीडियो शेयर किया था। गुरुवार को उन्होंने इस घटना का एक दूसरा वीडियो शेयर किया था। अपनी ही सरकार को घेरते हुए लिखा था- यह वीडियो बिल्कुल शीशे की तरह साफ है। प्रदर्शनकारियों का मर्डर करके उनको चुप नहीं करा सकते हैं। निर्दोष किसानों का खून बहाने की घटना के लिए जवाबदेही तय करनी होगी। हर किसान के दिमाग में उग्रता और निर्दयता की भावना घर करे इसके पहले उन्हें न्याय दिलाना होगा।'
The video is crystal clear. Protestors cannot be silenced through murder. There has to be accountability for the innocent blood of farmers that has been spilled and justice must be delivered before a message of arrogance and cruelty enters the minds of every farmer. 🙏🏻🙏🏻 pic.twitter.com/Z6NLCfuujK
— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 7, 2021
बता दें कि भाजपा महासचिव अरूण सिंह की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक कार्यसमिति में 50 विशेष आमंत्रित सदस्य और 179 स्थायी आमंत्रित सदस्य (पदेन) भी होंगे, जिनमें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विधायक दल के नेता, पूर्व उपमुख्यमंत्री, राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय मोर्चा अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री संगठन और संगठक शामिल हैं। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करती है और संगठन के कामकाज की रूपरेखा तय करती है। कोविड-19 महामारी के चलते लंबे समय से राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक नहीं हुई है।