तालिबान अफगानिस्तान में कब्जा करने करने के साथ ही अपने असली हैवान रुप में आने लगा है। तालिबान एक तरफ तो दुनिया के सामने ये कह रहा है कि वो पहले जैसा नहीं है बदल गया है और देश में लोगों की हित व भलाई के लिए काम करेगा लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। तालिबान का समय समय पर हैवान चेहरा सामने आता रहा है और अब सिर्फ संगीत सुनने पर 13 लोगों को मार कर यह साबित कर दिया है कि पूरी दुनिया को उसे समर्थन नहीं देना चाहिए।
हालांकि, तालिबान का कहना है को जिसने 13 लोगों पर गोलियां चलाई वो खुद को तालिबानी लड़ाका बता रहा है और दो को गिरफ्तार कर लिया है एक अब भी फरार है। तालिबान ने कहा कि, पूर्वी अफगानिस्तान में एक शादी समारोह के दौरान संगीत बजाने पर 13 लोगों की हत्या करने वाले तीन हमलावरों में से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है। नंगरहार प्रांत के शम्सपुर मार घुंडी गांव में शुक्रवार रात को खुद को तालिबानी लड़ाका बताने वाले बंदूकधारियों ने शादी समारोह पर हमला किया। अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से ही तालिबान ने सख्त इस्लामिक कानूनों को लागू करना शुरू कर दिया है। शहरी इलाकों में इसका असर कम देखने को मिल रहा है, मगर ग्रामीण इलाकों पर कानूनों को सख्ती से लागू किया जा रहा है।
मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि, तालिबान ने घटना के सिलसिले में दो संदिग्धों को हिरासत में ले लिया है। एक आरोपी अभी भी फरार है, जिसकी अभी भी तलाश की जा रही है। पकड़े गए घटना के अपराधियों को शरिया कानून के तहत सजा का सामना करने के लिए सौंप दिया गया है। इन आरोपियों ने अपने निजी झगड़े को अंजाम देने के लिए इस्लामिक अमीरात के नाम का इस्तेमाल किया है।