अफगानिस्तान में कब्जा के बाद से तालिबान लगातार क्रूर होते जा रहा है, जहां एक ओर तालिबान दुनिया से ये कह रहा है कि वह बदल चुका है और पहले जैसा नहीं है लेकिन वहीं दूसरी ओर तालिबान की हरकतें ये बताती हैं कि वो अब भी 90 के दशक वाला तालिबान है। इसके साथ ही तालिबान के आने के बाद से अफगानिस्तान में आतंकी हमले तेज हो गए हैं। 15 अगस्त के बाद से अबत तालिबान और अफगानियों के उपर कई हमलें हो चुके हैं। तालिबान के लिए इस वक्त आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट काल बना हुआ है।
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बता दें कि, जब से तालिबान की अफगानिस्तान में वापसी हुई है तब से ही आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट लगातार कत्लेआम मचाना शुरू कर दिया है। अफगानस्तिान की राजधानी काबुल में मंगलवार को एक के बाद एक हुए दो शक्तिशाली वस्फिोटों में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गये। तालिबानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। मीडिया रिपोर्ट में सरदार दाऊद खान अस्पताल में हुए इन हमलों को फिदायीन हमले बताया जा रहा है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। इस हमले ने इस्लामिक स्टेट की 2017 की वारदात याद दिला दी, जिसमें आतंकी संगठन ने इसी अस्पताल में हमलाकर 30 लोगों को मारा था।
तालिबानी गृह मंत्रालय के प्रवक्ता कारी सैयद खोस्ती ने विस्फोट के कुछ ही मिनटों बाद इनकी पुष्टि की और बताया कि कई लोग हताहत हुए हैं। हालांकि, उन्होंने कोई और विवरण नहीं दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों से हताहतों के आंकड़े मिलने के बाद नई संख्या जारी की है। पहले दिन में मीडिया ने खबर दी थी कि इन धमाकों में 15 लोगों की मौत हो गयी और 34 अन्य घायल हो गये। लेकिन समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि अब तक इस हमले में 16 लोगों की मौत हुई है और 50 से अधिक घायल हैं।
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तालिबान का आईएसआई-के इस वक्त कट्टर दुश्मन बन गया है। आईएआई-के का कहना है कि वो तालिबान को चैन की नींद सोने नहीं देगा। इसके साथ ही पाकिस्तान को लेकर भी आईएसआई के का कहना है कि अफगानिस्तान में जो स्थिति है उसका जिम्मेदार पाकिस्तान है और आने वाले दिनों में पाकिस्तान पर ये आतंकी संगठन हमले करेगा।