हिंदू धर्म के अनुसार, हर माह की शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनायी जाती है। मासिक दुर्गाष्टमी का दिन मां दुर्गा का पूजन करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ है। इस दिन दुर्गा के निमित्त व्रत रखने और उनका विधिवत पूजन करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन पूजा-अर्चना करने से मां दुर्गा प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी संकटों को दूर कर देती हैं। साथ ही, हर बाधा से मुक्ति मिलती है। कहते हैं कि मां दुर्गा अपने भक्तों की हर मुसीबत से रक्षा करती है।
दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त 2021
मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि प्रारंभ- 10 दिसंबर 2021 दिन शुक्रवार शाम 07 बजकर 09 मिनट से शुरू होकर
मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि समाप्त- 11 दिसंबर 2021 दिन शनिवार शाम 07 बजकर 12 मिनट तक है.
मासिक दुर्गाष्टमी पूजन सामग्री
रोली या कुमकुम, दीपक, रुई या बाती, घी, लौंग, कपूर, इलायची, सूखी धूप, मौली(कलावा), नारियल, अक्षत, पान, पूजा की सुपारी, फूल, फल, मिष्ठान, लाल चुनरी, श्रृंगार आदि का एक थाली में रख लें।
दुर्गाष्टमी पूजन विधि
दुर्गाष्टमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूरे घर और पूजा स्थान की अच्छी तरह से सफाई करें और फिर खुद भी स्नानादि करके साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद जहां पूजा करना हो वहां गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद चौकी पर लाल रंग का आसन बिछाएं और चौकी पर मां दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। मां को फिर लाल रंग की चुनरी उड़ाएं और श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
इसके आगे भगवती की धूप, दीप प्रज्वलित करें. कुमकुम, अक्षत से तिलक करें. मौली, लाल पुष्प, लौंग, कपूर आदि से विधि पूर्वक पूजन करें। इतना ही नहीं पान के ऊपर सुपारी और इलायची रखकर मां को समर्पित करें। इसके बाद मां दुर्गा को फल और मिष्ठान अर्पित करें। फिर पूजन के दौरान मां दुर्गा का स्मरण करें और दुर्गा चालीसा पाठ करें।