नए महायुद्ध के लिए मैदान तैयार किया जा रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव ने दुनिया भर के देशों की चिंता को बढ़ा दिया है। अमेरिका और नाटो की चेतावनी के बावजूद रूस अपने सैनिकों को सीमा पर तैनात कर रहा है। बताया जा रहा है कि यूक्रेन की सीमा पर टैंकों और तोपों के साथ रूस के अभी एक लाख सैनिक तैनात हैं। कहा जा रहा है कि इनकी संख्या अभी और भी बढ़ सकती है। ऐसे में अगर रूस और यूक्रेन जंग आगे बढ़ती ह, तो ये महज दो देशों की जंग नहीं रहेगी। यह विश्व युद्ध में तब्दील हो सकती है।
इस युद्ध में यूक्रेन का पलड़ा भारी नजर आ रहा है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन साफ कर चुके हैं कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अमेरिका इस जंग में यूक्रेन का साथ देगा। अमेरिका के अलावा, 9 देशों का समूह बुखारेस्ट नाइन रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, बुल्गारिया, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया, एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया, जर्मनी और फ्रांस समेत कई देश यूक्रेन का साथ देंगे। वहीं रूस के साथ कोई भी बड़ा देश नहीं है, जो उसका साथ देकर युद्ध पर जीत हासिल कर सके।
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि चीन आखिरी वक्त पर कोई साजिश कर सकता है। आपको बताते है कि आखिर क्या है ये विवाद, रूस और यूक्रेन के बीच विवाद काफी पुराना है। 1991 में सोवियत संघ के अलग होने के बाद यूक्रेन को आजादी मिली और यहां से यूक्रेन ने रूस से स्वतंत्र होने की कोशिशें शुरू कर दीं। इसके लिए यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से मित्रा बढ़ाईं। विक्टर यानूकोविच के यूक्रेन के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद रूस ने अलगाववादियों की मदद से क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा जमा लिया। इस पर यूक्रेन और पश्चिमी देशों का कहना है कि रूस यूक्रेन में अलगाववादियों की मदद कर रहा है, ताकि वहां की सरकार को अस्थिर कर सके।