यूक्रेन जंग को लेकर अमेरिका और नाटो दुनिया को एकतरफा लाना चाहते हैं। वो चाहते हैं कि दुनिया के सारे देश रूस के खिलाफ आकर अमेरिक और नाटो के साथ खड़े हों। अमेरिका यही चाह भारत के साथ भी रखता है और चाहती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने उस दोस्त के खिलाफ बोलें जो भारत के लिए अमेरिका से भी लड़ गया था। अमेरिका ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा था कि अमेरिका ने रूस के खिलाफ जो प्रतिबंध लगाए हैं अगर उसके खिलाफ गया तो अंजाम भारी पड़ सकता है। अब भारत ने अमेरिका को जवाब देते हुए कहा है कि, हम अमेरिकी दबाव में झुकने वाले नहीं। रूस के साथ चलता रहेगा हमारा व्यापार।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि, भारत रूस से और भी कच्चा तेल खरीदेगा। उन्होंने कहा कि, मॉस्को से और तेल खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। रूस से तेल की खरीद को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि जब हमें डिस्काउंट रेट पर तेल मिल रहा है तो क्यों नहीं खरीदें? उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्र हित और उसकी जरूरतों को तरजीह देती हूं। हमने मॉस्को से तेल खरीदना शुरू कर दिया है। अगर हमें कच्चा तेल कम दाम पर ऑफर किया जाएगा तो हम क्यों नहीं खरीदेंगे जिससे हमारे देश की जनता को फायदा हो।
बता दें कि, यूक्रेन के खिलाफ जंग के बाद अमेरिका और नाटो रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसके साथ ही अमेरिका ने रूस के तेल पर भी बैन लगा दिया है। जिसके बाद रूस ने भारत से संपर्क किया और सस्ते दामों पर बड़ी मात्रा में तेल खरीदने के लिए कहा तो भारत ने अपनी दोस्ती निभाते हुए तुरंत राजी हो गया। अब इसी पर अमेरिका चीढ़ा हुआ है। अमेरिका ने तो यह तक चेतावनी दे दी है कि, अगर रूस से ज्यादा तेल खरीदी गई तो नई दिल्ली को महंगी पड़े सकती है।