यूक्रेन-रूस युद्ध पर वोटिंग से भारत की गैरहाजिरी के कारण अमेरिका गुस्से में है। आलम ये है कि अब अमेरिका धमकी देने पर उतर आया है। पर इसका असर कुछ खास होता नहीं दिख रहा है। दुनिया की शीर्ष मानवाधिकार संस्था से रूस को निलंबित करने के प्रस्ताव से भारत ने दूरी बनाई। जबकि वोटिंग से ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति के शीर्ष सलाहकार ने धमकी दी थी कि अगर भारत ने रूस के साथ रणनीतिक गठजोड़ किया तो उसे लंबे समय तक भारी खामियाजा भुगतना होगा। इस बीच अमेरिका की एक महिला सांसद इल्हान उमर ने पीएम नरेंद्र मोदी वाली भारत सरकार को अल्पसंख्यक विरोधी बताया।
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इल्हान उमर ने भारत विरोधी बोल बोलते हुए आरोप लगाया कि देश में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा है। उमर यहीं नहीं रुकी उन्होंने बाइडेन प्रशासन की उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन से सवाल किए कि भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के 'एक स्वतंत्र व खुले क्षेत्र को बढ़ावा' देने का यूएस सरकार किस तरह से समर्थन कर रही है। उन्होंने विभिन्न देशों में अमेरिकी हस्तक्षेप का मुद्दा भी उठाया और इसे ऐतिहासिक अन्याय करार दिया। उमर ने आरोप लगाया कि मोदी प्रशासन का भारत में मुस्लिम होना अपराध जैसा बना देना हमें बहुत कुछ बताता है?
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उन्होंने सवाल किया कि मोदी प्रशासन अपने मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ जो कार्रवाई कर रहा है, उसकी आलोचना को लेकर हमें क्या करना होगा? अमेरिकी उपविदेश मंत्री शेरमन ने उमर को इस दौरान समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, मैं सहमत हूं कि (बाइडेन) प्रशासन को इस दुनिया में हर धर्म, हर जात, हर नस्ल, विभिन्नता की हर अच्छाई के समर्थन में खड़ा होना चाहिए। मगर उमर ने तेजी से उनकी बात को काट दिया। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम केवल हमारी ही नहीं बल्कि साथ ही हमारे सहयोगियों की बुराइयों के विरोध में भी खड़े होने की आदत बनाएंगे।