पाकिस्तान और तालिबान के बीच इस वक्त स्थिति युद्ध जैसी हो गई है। आज से कुछ महीने पहले दोनों इतने अच्छे दोस्त थे कि, तालिबान को अफगानिस्तान में कब्जा करने के लिए पाकिस्तान ने ही सबसे ज्यादा मदद की। साथ ही तालिबान सरकार की गठन के दौरान भी पाकिस्तान की आईसआई का हाथ रहा। इस दौरान आईएसआई चीफ वहां पर मौजूद थे। यहां तक कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तो जब भी मौका मिला विश्व मंच पर गला फाड़ कर चिल्लाए कि दुनिया अपना समर्थन दे। पाकिस्तान में जब से नई सरकार आई है तब से अफगानिस्तान में हमले बढ़ गए हैं। यहां तक कि हाल ही में पाकिस्तान की आर्मी ने तो अफगानिस्तान में एयर स्ट्राइक तक कर दिया था जिसमें बच्चों महिलाओं सहित 40लोगों की मौत हुई थी। अब एक बार फिर से काबुल में बड़ा धमाका हुआ है। जिसमें 16लोगों की मौत हो गई है।
बुधवार को काबुल के एक मस्जिद और उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ में तीन मिनी बसों में विस्फोट में कम से कम 16लोगों की मौत हो गई। काबुल के कमांडर के एक प्रवक्ता ने कहा कि काबुल में एक मस्जिद पर हुए विस्फोट में कम से कम दो लोग घायल हो गए। रॉयटर्स ने इमरजेंसी हॉस्पिटल ने एक ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि उसे विस्फोट में पांच शव मिले और एक दर्जन से अधिक घायल मरीज मिले हैं। नाम न छापने की शर्त पर बात करने वाले तालिबान के एक अधिकारी ने कहा कि मस्जिद के पुलाव के अंदर विस्फोटक रखे गए थे और कम से कम 11लोग मारे गए हैं।
मजार-ए-शरीफ में तीन विस्फोटों में कम से कम नौ लोग मारे गए और 15 घायल हो गए। बल्ख प्रांत के कमांडर के प्रवक्ता मोहम्मद आसिफ वजेरी ने रायटर को बताया, हमलों में शिया समुदाय को टारगेट किया गया है जोकि अफगानिस्तान में एक धार्मिक अल्पसंख्यक हैं। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि इस हमले के पीछे किसका हाथ है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया की बम शहर के अलग-अलग जिलों की तीन मिनी बसों में रखे गए थे। उन्होंने बताया कि, 15 अन्य लोग घायल हो गए हैं।