अमेरिका और भारत के संबंध काफी अच्छे हैं साथ ही सुपर पॉवर हाल की दिनों में यह भी बोल चुका है कि, वो भारत संग अपने रिश्तों को और मजबूत करेगा। लेकिन, बीच-बीच में अमेरिका कई ऐसे बयान दे देता है जिसके चलते कई सवाल खड़े हो जाते हैं। हाल ही में अमेरिका ने भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले को लेकर चिंता जताई थी। इसपर चिंता जताने वाले अेमरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन थे जिह्नों कहा कि, भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। वहां हाल के दिनों में लोगों पर और उपासना स्थलों पर हमले के मामले बढ़े हैं। इसी बर भारत ने करारा जवाब दिया है।
अमेरिका के इस टिप्पणी पर भारत ने करारा जवाब देते हुए कहा है कि, अमेरिका को अपने गिरबां में पहले झांक कर देखना चाहिए। भारत ने अमेरिका से कहा कि, उसे पहले अपने यहां गन कल्चर, जातीय और नस्लीय आधार पर हिंसा पर लगाम कसनी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि हमने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग 2021 की रिपोर्ट जारी करने और वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों द्वारा गलत सूचित टिप्पणियों को नोट किया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में वोट बैंक की राजनीति की जा रही है। हम आग्रह करेंगे कि प्रेरित इनपुट और पक्षपातपूर्ण विचारों के आधार पर आकलन से बचा जाए।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, इंडिया एक स्वाभाविक रूप से बहुलवादी समाज के रूप में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को महत्व देता है। अमेरिका के साथ हमारी चर्चा में, हमने नस्लीय और जातीय रूप से प्रेरिज हमलों, घृणा अपराधों और बंदूक हिंसा सहित वहां चिंता के मुद्दों को नियमित रूप से उजागर किया है।