पोप फ्रांसिस का नया बयान
अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों में अबॉर्शन और प्रीमेरिटल सेक्स रिलेशंस पर छिड़ी बहस को लेकर वेटिकन से नया फरमान जारी हुआ है। ईसाइयों के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने कहा है सच्चे लवमेट्स वही हैं जो शादी से पहले फिजिकल रिलेशंस नहीं बनाते। शादी से पहले फिजिकल रिलेशन न बनाना ही सच्चे प्यार की निशानी है। पोप फ्रांसिस इधर अपने बयानों को लेकर काफी चर्चित रहे हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि बच्चों से ज्यादा कुत्ते-बिल्लियों को प्यार करना मानवता छीन लेता है।
बच्चे ज्यादा पैदा करो, मगर शादी से पहले नहीं
ध्यान रहे कि एक और जहां धरती पर जनसंख्या का बोढ बढ़ता जा रहा है वहीं पोप ने कहा है कि लोग बच्चे पैदा करने से न डरें। उन्होंने यह भी कहा कि जनसंख्या ज्यादा होना एक बड़ी समस्या है लेकिन बच्चे न होना भी मानव सभ्यता के लिए एक खतरा है। पोप का मानना है कि पश्चिमी देशों में कम बच्चे होने से डेमोग्राफिकली चेंज आ रहे हैं। पोप ने कहा है पश्चिमी देशों में बच्चे ज्यादा पैदा होने चाहिए लेकिन प्रीमेरिटल फिजिकल रिलेशन नहीं होने चाहिए।
शादी से पहले सेक्स न करने से बचे रहते रिश्ते
पोप फ्रांसिस ने कहा कि शादी तक सेक्स न करना रिश्तों को बचाए रखने का एक आदर्श तरीका है। 97 पेज की नई वैटिकन गाइड में पोप ने खुशहाल संबंधों के नियम बताए। पोप ने यह भी दावा किया कि आजकल कपल्स के रिश्ते सेक्स तनाव या दवाब के कारण जल्दी टूटते हैं। 97 पन्नों के डॉक्यूमेंट में इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल का भी जिक्र है, जिसकी आलोचना की गई।
सोशल मीडिया का एडिक्ट मत बनो
पोप ने कहा है कि टेक्नोलॉजी का आज के जीवन में बहुत योगदान है लेकिन सोशल मीडिया ने युवा पीढ़ी को एडिक्ट बना दिया है। यह भी ठीक नहीं है। उन्होंने फिर से प्रीमेरिटल फिजिकल रिलेशंस की वजह से कपल्स में जो आकर्षण होता है वो जल्दी ही कम हो जाता है। इसका नतीजा यह होता है कि रिश्तों में खटास आ जाती है। तलाक हो जाते हैं। पति-पत्नी की तलाक का असर आने वाली पीढ़ियों पर गलत मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है। इससे समजा की नैतिकता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।