अग्निपथ योजना जब सरकार ने लागू किया तो देशभर में विरोधी और कुछ कट्टरपंथियों ने अपनी राजनीति चकमाने के लिए युवाओं को खूब भड़काने का कोशिश किया। कुछ दिनों तक वो इसमें कामयाब भी रहे। लेकिन, झूठ का एक न एक दिन पर्दाफाश ही होता है। इसी तरह कुछ दिनों के बाद इस योजना के बारे में युवाओँ को अच्छे से पता चल गया कि, ये स्कीम उनके लिए नुकसानदेह नहीं बल्कि फायदेमंद है। इसके साथ ही सेना ने अग्निवीरों के रिक्रूटमेंट के लिए भर्ती का भी एलान कर दिया। इसमें युवाओं की कितनी दिलचस्पी है इसका अंदाजा इसी से लगा लें कि, सिर्फ 3000 अग्निवीरों की नियुक्ति के लिए महज तीन दिनों में लगभग 57000 आवदेन प्राप्त किए हैं।
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत 3000 अग्निवीरों की नियुक्ति के लिए उसे महज तीन दिनों में 56,960 आवेदन प्राप्त हुए हैं। वायुसेना ने ट्विटर पर इसकी जानकारी साझा करते हुए बताया कि, 56960! यह अग्निपथ भर्ती आवेदन प्रक्रिया के जवाब में वेबसाइट पर भविष्य के अग्निपथ से अब तक प्राप्त आवेदनों की कुल संख्या है। पंजीकरण पांच जुलाई को बंद हो जाएगा। वायु सेना अग्निपथ योजना के तहत इस साल तीन हजार अग्निवीरों की भर्ती करेगा।
अग्निवीरों का प्रशिक्षण 30 दिसंबर से शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार ने 14 जून को अग्निपथ योजना पेश करते हुए कहा था कि साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए भर्ती किया जाएगा, जिनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा के लिए शामिल किया जाएगा। देश के कई हिस्सों में इस योजना के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। सरकार ने 16 जून को इस योजना के तहत भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को वर्ष 2022 के लिए 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था। साथ ही बाद में उनकी सेवानिवृत्ति पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों में उनके लिए वरीयता जैसे कई कदमों की घोषणा की थी। इसके साथ ही देश के कई रज्यों ने घोषणा की है कि, वो अग्निवीरों को राज्य पुलिस बलों में शामिल करने के लिए प्राथमिकता देंगे।