अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान की वापसी के बाद से ही मानवीय संकट गहरा गया है जिसके बाद से भारत लगातार मदद कर रहा है। अफगानिस्तान (Afghanistan) में भारत अनाज से लेकर दवा तक भेजकर मानवीय मदद कर रहा है। अब तक अफगानिस्तान को भारत 40,000 मीट्रिक टन से अधिक गेहूं भेजा है। जिससे इस निकटवर्ती पड़ोसी और काबुल के लंबे समय से साझेदार के रूप में स्थिति सुनिश्चत हो गई है। वहीं, तालिबान भी भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने पर लगा हुआ है। तालिबान ने हाल ही में कहा था कि भारत, अफगानिस्तान (Afghanistan) में रुके हुए प्रोजेक्ट को जब चाहे पूरा कर सकता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में, संयुक्त राष्ट्र में देश की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने अफगान लोगों के साथ ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा, जैसा कि हमने सुरक्षा परिषद (UNSC) में बार-बार कहा है, भारत चाहता है कि शांति और स्थिरता की वापसी सुनिश्चित हो, पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान के लंबे समय से बने आ रहे हमारे संबंध और प्रगाढ़ हों। साथ ही साथ अफगान लोगों के साथ हमारे मजबूत ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं।
अफगान लोगों को मानवीय जरुरतों के बारे में बोलते हुए, संयुक्त राष्ट्र की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि भारत की ओर से अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के कई शिपमेंट भेजे गए हैं। उन्होंने कहा, अफगान लोगों की मानवीय आवश्यकता के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई तत्काल अपील के जवाब में, भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय मदद के रूप में कई शिपमेंट भेजे हैं। इसमें 10 बैचों में 32 टन मेडिकल सहायता भी शामिल है, जिसमें आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, एंटी-टीबी दवाएं और कोरोना वैक्सीन की 50,0000 खुराक शामिल हैं। उन्होंने बताया कि, ये मेडिकल खेप विश्व स्वास्थ्य संगठन और काबुल के इंदिरा गांधी चिल्ड्रन हॉस्पिटल को सौंप दी गई हैं। उन्होंने गेहूं के बारे में कहा, भारत ने अब तक अफगानिस्तान को 40,000 मीट्रिक टन से अधिक गेहूं भी भेजा है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, भारत की गेहूं सहायता का उचित और न्यायसंगत वितरण तय करने के लिए, भारत सरकार ने अफगानिस्तान में गेहूं के वितरण के लिए संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।