राजस्थान में गहलोत सरकार के राज में तुष्टीकरण की राजनीति ने आतंकियों का हौसला इतना बढ़ा दिया है कि वो गुनाह करने से जरा भी नहीं कतराते हैं। उनका हौसला दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। सर तन से जुदा की धमकी देने के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। उदयपुर में कन्हैयालाल के तर्ज पर अब अलवर में ज्ञानवापी पर एक पोस्ट लिखने पर BJP नेता चारुल अग्रवाल को धमकी दी है।
दरअसल 13 सितंबर को चारूल ने फेसबुक पर ज्ञानवापी को लेकर एक पोस्ट डाली थी। जिसके बाद 19 सितंबर को सुबह 7.45 बजे जब वो बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए फ्लैट के बाहर निकली तो वहां उनको एक लिफाफे में धमकी भरा पत्र मिला। उसमें जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि 25 सितंबर आखिरी तारीख है। पत्र में लिखा है कि “ज्ञानवापी हमारा है, हमारा ही रहेगा। हमारे मजहव को लेकर पोस्ट लिखोगी तो वही हाल होगा जो उदयपुर में कन्हैयालाल का हुआ था। ध्यान रख, गुस्ताख ए रसूल की एक सजा सर तन से जुदा”। चारुल ने आगे बताया कि उनको 56 टुकड़ें करने की धमकी दी गई है और कहा है कि अगर वह नहीं मानी तो उनका भी हाल उदयपुर के कन्हैयालाल जैसा होगा।
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धमकी भरा पत्र मिलने के बाद चारुल के पति जितेंद्र ने तुरंत 100 नंबर पर कॉल कर सारी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस इस पर जांच कर रही है परन्तु चारुल का पूरा परिवार खासा डरा हुआ है। चारुल ने पुलिस अधीक्षक से सुरक्षा की गुहार लगाई है। चारुल अग्रवाल भाजपा में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान की प्रदेश सह संयोजक के पद पर कार्यरत हैं। धमकी मिलने के बाद बीजेपी के स्थानीय नेता ने चारुल के घर पहुंचकर हिम्मत बंधाई।
लोकतंत्र का राग अलापने वाले कहां गए? अब लोकतंत्र खतरे में नहीं है। एक महिला कार्यकर्ता के सोशल मीडिया पर कुछ कहने पर उसे सर तन से जुदा की धमकी मिलती है तो कहां है प्रशासन और पुलिस । उस पर मीडिया भी मौन है और बुद्धिजीवी भी।