Tirupati Balaji Mandir:वैसे तो भारत में कई सारे चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर हैं जिसमें दक्षिण भारत में स्थित भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर भी शामिल है। तिरुपति बालाजी का वास्तविक नाम श्री वेंकटेश्वर स्वामी है जो स्वयं भगवान विष्णु हैं। भगवान तिरुपति बालाजी का चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर भारत समेत पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यह मंदिर भारतीय वास्तु कला और शिल्प कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। तिरुपति बालाजी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमला पर्वत पर स्थित है और यह भारत के मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान श्री वेंकटेश्वर (Sri Venkateswara) अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान वेंकटेश्वर के सामने प्रार्थना करते हैं, उनकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। भक्त अपनी श्रद्धा के मुताबिक, यहां आकर तिरुपति मंदिर में अपने बाल दान करते हैं। लेकिन आज हम इस पोस्ट के जरिये हम आपको इस अलौकिक और चमत्कारिक मंदिर के बारे में नहीं बल्कि इसकी कुल संपत्ति के बारे में बतायेंगे।
तिरुपति (Tirupati Temple) के विश्व प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर मंदिर (Sri Venkateswara Temple) की कुल संपत्ति 2.5 लाख करोड़ रुपये (लगभग 30 बिलियन अमरीकी डॉलर) से अधिक घोषित की गई है। मंदिर की ये संपत्ति किसी भी आईटी सेवा फर्म विप्रो (Wipro),खाद्य और पेय कंपनी नेस्ले (Nestle)और राज्य के स्वामित्व वाली तेल दिग्गज कंपनी ओएनजीसी (ONGC)और आईओसी (IOC) के बाजार पूंजी से भी अधिक है।
1933 में हुई थी स्थापना
तिरुपति के पीठासीन देवता को समर्पित मंदिर के रखवाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने 1933 में अपनी स्थापना के बाद पहली बार अपनी कुल संपत्ति घोषित की है। मंदिर की संपत्ति में बैंकों में 10.25 टन सोना जमा है जिसमें 2.5 टन सोने के आभूषण हैं। मंदिर की बैंक में जमा कुल संपत्ति लगभग 16,000 करोड़ रुपये है और पूरे भारत में 960 संपत्तियां शामिल हैं। ये सभी कुल मिलाकर 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हैं।
स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा कारोबारी कीमत पर तिरुपति मंदिर की कुल संपत्ति कई ब्लू-चिप भारतीय कंपनियों से ज्यादा है। शुक्रवार को कारोबार के अंत में बेंगलुरु की विप्रो का मार्केट कैप 2.14 लाख करोड़ रुपये था, जबकि अल्ट्राटेक सीमेंट का मार्केट कैप 1.99 लाख करोड़ रुपये था। राज्य के स्वामित्व वाले तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का मूल्य भी मंदिर से कम निकला।इसके अलावा बिजली की दिग्गज कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड, ऑटो निर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स आदि भी इससे पीछे हैं।
डिपाजिट से भी आ रहा पैसा
मंदिर के एक बताया कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) धीरे-धीरे और समृद्ध होता जा रहा है क्योंकि पहाड़ी मंदिर में भक्तों द्वारा चढ़ाए जाने वाले नकद और सोने के चढ़ावे में वृद्धि जारी है और बैंकों में जमा फिक्सड डिपाजिट से भी ब्याज आ रहा है। टीटीडी के स्वामित्व वाली संपत्ति में भूमि पार्सल, भवन, नकदी और बैंकों में सोना जमा शामिल है, जो भक्तों द्वारा मंदिर को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।