उत्तर कोरिया (North Korea) के तानाशाह किम जोंग उन अपनी हरकतों से कतई बाज नहीं आ रहे हैं। किम जोंग ने एक बार फिर से अज्ञात बैलिस्टिक मिसाइल दाग दी है जिसके बाद से अमेरिका में हड़कंप मच गया। दरअसल, उत्तर कोरिया ने अमेरिका को निशाना बनाने के लिए निर्मित लंबी दूरी तक मार करने वाली एक संदिग्ध मिसाइल शुक्रवार को दागी। इस बात की जानकारी खुद दक्षिण कोरिया और जापान ने दी है। दक्षिण कोरिया और जापान के साथ अपने गठजोड़ को मजबूत करने के अमेरिका के प्रयासों के विरोध में उत्तर कोरिया के अपनी परीक्षण गतिविधियों को फिर शुरू करने के बाद यह प्रक्षेपण किया गया।
दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ’ का बयान
दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ’ (joint chief of staff) ने एक बयान में कहा कि उत्तर कोरिया के पूर्वी तट पर शुक्रवार सुबह एक बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण करने के बारे में पता चला है। बयान में कहा गया कि इसके एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) होने की आशंका है। जापान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उत्तर कोरिया ने अपने पश्चिमी तटीय क्षेत्र से आईसीबीएम श्रेणी की बैलिस्टिक मिसाइल दागी, जो पूर्वी समुद्र क्षेत्री की ओर गई। मिसाइल सुबह 10 बजकर 14 मिनट पर दागी गई, वह अब भी हवा में है और और जापानी विशेष आर्थिक क्षेत्र के अंदर गिर सकती है।
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उत्तर कोरिया के पास कई मिसाइल
यदि इस बात की पुष्टि हो गई तो करीब दो हफ्ते के अंदर उत्तर कोरिया का यह पहला आईसीबीएम प्रक्षेपण होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि तीन नवंबर को उत्तर कोरिया द्वारा प्रक्षेपित एक आईसीबीएम उम्मीद के मुताबिक उड़ान नहीं भर पाई। ऐसा माना जा रहा है कि तीन नवंबर के परीक्षण में एक नए प्रकार की आईसीबीएम शामिल थी। उत्तर कोरिया के पास दो अन्य प्रकार के आईसीबीएम ‘ह्वासोंग-14’ और ‘ह्वासॉन्ग-15’ हैं। 2017 में उनके परीक्षण से स्पष्ट हो गया था कि वे अमेरिका की सरजमीं तक पहुंचने में सक्षम हैं।
दक्षिण कोरिया ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने उत्तर कोरियाई के प्रक्षेपण पर चर्चा करने के लिए एक आपात सुरक्षा बैठक बुलाई है। जापान के रक्षा मंत्री यासुकाज़ु हमदा ने कहा, ‘उत्तर कोरिया इस साल लगातार मिसाइल दाग रहा है और इससे कोरियाई प्रायद्वीप में लगातार तनाव बढ़ रहा है।’ इससे पहले, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री चो सोन ह्यू ने अमेरिका द्वारा क्षेत्र में अपने सहयोगियों-दक्षिण कोरिया और जापान की सुरक्षा को लेकर धमकी दी थी।