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रूस-चीन को करारा जवाब देगी अमेरिकी ब्रह्मास्‍त्र, हाइपरसोनिक मिसाइल का किया सफल टेस्‍ट

अमेरिकी वायु सेना हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण

U.S. Air Force: अमेरिका की वायुसेना ने पहली बार आधुनिक ब्रह्मास्‍त्र कही जाने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण कर लिया है। याद दिला दें इससे पहले अमेरिका ने कई बार हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था, मगर उसमें सफलता हासिल नहीं कर पाए थे। बताया तो यह भी जा रहा कि अमेरिका ने हवा से दागे जाने वाले रैपिड र‍िस्‍पांस वेपन या ARRW का बी-52 बॉम्‍बर की मदद से कैलिफोर्निया के तट से परीक्षण किया। इसके अलावा AGM-183A मिसाइल ने टेस्‍ट के दौरान 5 मैक से ज्‍यादा की हाइपरसोनिक स्‍पीड को हासिल किया।

हाइपरसोनिक मिसाइलों का तोड़ अब तक किसी के पास नहीं

CNN की रिपोर्ट के अनुसार हाइपरसोनिक सिस्‍टम ARRW पिछले साल कई परीक्षणों में विफल साबित हुई। इसी के कारण अमेरिकी वायुसेना का यह पूरा प्रॉजेक्‍ट लटक गया। इसके बाद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन एक्शन में आया। दरअसल, चीन और रूस दोनों ही अमेरिकी दुश्‍मन लगातार कई घातक हाइपरसोनिक मिसाइलों का परीक्षण कर रहे थे। इससे पेंटागन टेंशन में आ गया था। इसकी वजह यह है कि हाइपरसोनिक मिसाइलों का तोड़ अभी किसी भी देश के पास नहीं है।

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यूक्रेन युद्ध में तो रूस ने अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल किंझल का जमकर इस्‍तेमाल भी किया है। ऐसा संभवत: पहली बार हुआ जब हाइपरसोनिक मिसाइलों का किसी युद्ध में इस्‍तेमाल किया गया है। पिछले साल तो चीन की एक हाइपरसोनिक मिसाइल ने अपने लक्ष्‍य पर हमला करने से पहले पूरी दुनिया का चक्‍कर लगाया था। इस टेस्‍ट विश्‍वभर में दहशत का माहौल हो गया था। हाइपरसोनिक मिसाइलों को पकड़ पाना और फिर उसे नष्‍ट करना लगभग असंभव होता है। यही वजह है कि भारत से लेकर अमेरिका तक ने इस ब्रह्मास्‍त्र को हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है।

अमेरिकी एयरफोर्स ने कहा कि इस परीक्षण के दौरान मिसाइल ने सभी लक्ष्‍यों को हासिल किया। ARRW एक बूस्‍ट ग्‍लाइड मिसाइल है जो बूस्‍टर रॉकेट की मदद से बारूद के गोले को हाइपरसोनिक स्‍पीड दी जाती है। एक ग्‍लाइड वीइकल इसके बाद बूस्‍टर से अलग हो जाता है और फिर अपने लक्ष्‍य की ओर हाइपरसोनिक स्‍पीड से बढ़ता है। ऐसा पहली बार है जब हाइपरसोनिक मिसाइल के पूरे सिस्‍टम का सफल परीक्षण किया गया है। इससे पहले के परीक्षण में बूस्‍टर रॉकेट पर फोकस किया जाता था।