पाकिस्तान के संकटग्रस्त पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने बड़े पैमाने पर अपने देश में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन के ख़िलाफ़ अमेरिका में “पाकिस्तान अंडर सीज़ ” हैशटैग के साथ एक बड़े अभियान को शुरू कर दिया है।
वह अमेरिकियों को “लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने और पाकिस्तान में संविधान की रक्षा करने” के सिलसिले में हस्तक्षेप करने का आह्वान कर रहे हैं।यह वैसा ही क़दम है,जैसा कि भारत के विपक्षी नेता राहुल गांधी ब्रिटेन में करने की कोशिश कर रहे हैं।
ख़ान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) ने पूरे अमेरिका में ऐसे 1,000 होर्डिंग लगाने की योजना बनी है, जिनमें “हिरासत में यातना – मानवता के लिए अपमान”, “राजनीतिक कार्यकर्ताओं के जबरन लापता होने” और “लोकतंत्र की मौत” जैसे संदेश होंगे।
#PakistanUnderSeige We are leasing over 1000 Billboards all across US to do a one month campaign against Human Rights Violations, support true Democratic values and protect the constitution in Pakistan. @ImranKhanPTI @ImranRiazKhan @MoeedNj @NixamKhanMomand @MichaelKugelman… pic.twitter.com/vvAf5uiSfC
— Atif Khan (@akhan4pakistan) April 2, 2023
पाकिस्तान के शक्तिशाली राजनीतिक राजवंशों-शरीफ़ और भुट्टो- द्वारा संचालित गठबंधन सरकार के तहत मामलों की स्थिति पर प्रहार करने वाले अन्य नारों में “मीडिया पर अंकुश लगाना” और “लोगों को चुप कराना” शामिल है। जबकि शाहबाज़ शरीफ़ प्रधानमंत्री हैं, बिलावल भुट्टो उस गठबंधन सरकार में विदेश मंत्री हैं, जो कि एक साल पहले ख़ान के सत्ता से बाहर होने के बाद बनाया गया था।
पता चला है कि ख़ान की पार्टी पीटीआई ने अमेरिका में लॉबिंग फ़र्मों को काम पर लगा रखा है। इन फ़र्मों को काम पर रखने के पीछे की योजना दो स्तर पर है-अमेरिकियों को इस बात को लेकर जागरूक करना कि ख़ान का जीवन ख़तरे में है और उन सम्बन्धों का निर्माण करना, जो उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करते हुए अमेरिका के साथ बनाये थे।
छह महीने के लिए काम पर लगाये गये वाशिंगटन स्थित फ़र्म, प्रिया कंसल्टेंट्स एलएलसी, पीटीआई को अमेरिकी सरकार और संस्थानों के साथ सम्बन्धों के बारे में सलाह देगा और अमेरिकी निर्णयकर्ताओं के साथ बैठकें भी आयोजित करेगा।
सड़कों पर ले जाने का यह अभियान ख़ान की पार्टी के भरोसेमंद सदस्यों – पूर्व मंत्रियों फ़वाद चौधरी और शिरीन मजारी का अनुवर्ती अभियान है, जिन्होंने पिछले सप्ताह कहा था कि उन्होंने शरीफ़ सरकार द्वारा “बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन” पर एक डोज़ियर तैयार किया है, जो राजनयिक समुदाय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ साझा किया जाना चाहिए।
दोनों ने अपनी मांगों में शरीफ़ सरकार को समय से पहले चुनाव कराने और इमरान ख़ान को परेशान नहीं करने की चेतावनी दी थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि वे अंग्रेज़ी भाषा में शरीफ़ सरकार के भ्रष्टाचार और मानवाधिकार उल्लंघनों पर एक डोज़ियर जारी करेंगे, जिसे विदेशियों के सामने पेश किया जाएगा। अमेरिका में बिलबोर्ड विज्ञापन शुरू करके उन्होंने इसे आगे बढ़ाया है।
ब्रिटेन में भी इसी तरह का अभियान शुरू करने की योजना है।
I am so proud of the team @RPakistanuk & all the professionals who got in touch (Doctors, Engineers, Lawyers, Accountants etc) & stood up to show their unwavering abutment in favour of the constitution of Pakistan & former Prime Minister @ImranKhanPTI . The number of… pic.twitter.com/7zSCOaI54b
— Jahanzeb Khan PTI UK (@JKhanClassified) April 2, 2023
अमेरिका में चल रहे इस अभियान से उत्साहित ब्रिटिश डॉक्टरों और पाकिस्तानी मूल के अन्य पेशेवरों ने ब्रिटेन में इसी तरह का अभियान शुरू करने के लिए ज़बरदस्त समर्थन दिया है। कुछ डॉक्टर ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस में काम कर रहे हैं और उन्होंने इमरान ख़ान और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर शरीफ़ सरकार की कार्रवाई के ख़िलाफ़ अपनी नाराज़गी साझा की है।
विश्लेषकों का कहना है कि यह अभियान सीधे तौर पर जॉर्ज सोरोस जैसे वैश्विकवादियों के खेल से बाहर है, जिन्होंने “शासन परिवर्तन” के लिए विशेष रूप से युवाओं को लामबंद करके लोकतंत्र और मानवाधिकारों को टेम्पलेट के रूप में अपनाया है।
पाकिस्तान सोरोस और उनके तथाकथित “लोकतंत्र समर्थक” परियोजना को पूरा करने के लिहाज़ से एक ऊर्बर ज़मीन है। दक्षिण एशियाई राष्ट्र अपने ही लोगों, विशेष रूप से धार्मिक अल्पसंख्यकों और जातीय लोगों पर सबसे अपमानजनक गालियाँ देने के लिए कुख्यात है। यह विश्व स्तर पर अपने भ्रष्ट सैन्य जनरलों और राजनेताओं के लिए भी जाना जाता है।
सबसे अधिक परेशान करने वाले मानवाधिकारों के हनन में हेलीकॉप्टर गनशिप द्वारा बलूच जनता का गला घोंटना, सिंध में अल्पसंख्यक हिंदू लड़कियों का अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन, अहमदियों को ग़ैर-मुस्लिम के रूप में लेबल करना, ईश निंदा के झूठे आरोपों के तहत धार्मिक अल्पसंख्यकों की हत्या और उन्हें जलाना शामिल है। इसके अलावे बलूच, सिंधी और शिया लोगों का जबरन अपहरण भी है।
यूके में शॉपिंग सेंटरों में कुछ होर्डिंग पहले ही आ चुके हैं।यूके एक ऐसा देश है, जो एक बड़ी संख्या में पाकिस्तानी डायस्पोरा की मेज़बानी करता है। लेकिन, ऐसा लगता है कि ये बलूच राष्ट्रवादी समूहों द्वारा लगाए गए हैं।
@WorldBalochOrg did the same to highlight the state oppression, discrimination, and Human rights violations but your party #PTI named it as Indian-paid propaganda in their Govt. Have you spoken about #EndEnforcedDisappearances in Balochistan? https://t.co/Wz0AuOxJA6 pic.twitter.com/JxeTFuVuT8
— یاسر بلوچ (@Sarawaan1) April 2, 2023
#PakistanUnderSeige We are leasing over 1000 Billboards all across US to do a one month campaign against Human Rights Violations, support true Democratic values and protect the constitution in Pakistan. @ImranKhanPTI @ImranRiazKhan @MoeedNj @NixamKhanMomand @MichaelKugelman… pic.twitter.com/vvAf5uiSfC
— Atif Khan (@akhan4pakistan) April 2, 2023
हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है कि विभिन्न संप्रदायों के पाकिस्तानियों ने अपने देश की आलोचना करते हुए संदेश दिए हैं।
अमेरिका में बलूच अमेरिकी कांग्रेस (बीएसी) और अन्य बलूच समूह अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों के साथ पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों-उनके समुदाय के लोगों की हत्याओं, अपहरणों और यातनाओं को उजागर करने के लिए पैरवी कर रहे हैं। अमेरिका में बलूच डायस्पोरा ने 2018 के नए साल के जश्न के दौरान प्रतिष्ठित टाइम्स स्क्वायर पर पाकिस्तान द्वारा दमन को उजागर करने के लिए बिलबोर्ड लगाए थे।
पाकिस्तानियों ने बड़ी पाकिस्तानी मुस्लिम आबादी वाले देशों को ईशनिंदा क़ानून, अपने धार्मिक प्रतीकों का अपमान और धार्मिक नफ़रत जैसी अपनी धार्मिक कुप्रथाओं का निर्यात किया है। वे अपनी राजनीतिक घुसपैठ को ब्रिटेन तक ले गए हैं, जैसा कि इमरान ख़ान की पूर्व पत्नी जेमिमा गोल्डस्मिथ के घर के बाहर और साथ ही नवाज शरीफ की हवेली के बाहर विरोध प्रदर्शनों में भी देखा गया था।