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इस वजह से रूस-यूक्रेन जंग में आएगा नया मोड़, अमेरिका-NATO कर बैठे इतनी बड़ी गलती

अमेरिका का सीक्रेट प्लान लीक

अमेरिका (US) और नाटो ने भविष्य के रूसी आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन की मदद के लिए एक योजना बनाई है। अब इस बीच इस योजना से जुड़े कई खुफिया डॉक्यूमेंट लीक हो गए हैं। इसमें रूस के खिलाफ अमेरिका और नाटो की कई क्लासिफाइड योजनाओं का जिक्र है। वहीं अब इन दस्तावेजो को सोशल साइट पर साझा किया जा रहा है। इस दौरान ट्विटर और टेलीग्राम दो प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं जिनका यूक्रेन और रूस में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। ऐसे में अब सीक्रेट दस्तावेजों के लीक होने से अमेरिका के होश उड़े हुए हैं। इन दस्तावेजों में टॉप सीक्रेट का लेबल लगा हुआ है और सुरक्षा में चूक का मामला मानते हुए पेंटागन को जांच के आदेश दे दिए हैं।

कितने पुराने हैं ये दस्तावेज

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि दस्तावेजों की जानकारी कम से कम 5 हफ्ते पुरानी है। इनमें सबसे ताजे दस्तावेज में 1 मार्च की तारीख पड़ी हुई है। रिपोर्ट में सैन्य विशेषज्ञों का हवाला देते हुए बताया गया है कि अमेरिकी टॉप सीक्रेट दस्तावेद को लीक करने के पीछे रूस का हाथ हो सकता है। रूस अब इसे दुष्प्रचार अभियान के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।

रूसी सेना के हमले के खतरे का जिक्र

रिपोर्ट के मुताबिक लीक हुए दस्तावेजो में युद्ध की योजनाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं है और यह नहीं बताता है कि यूक्रेन कब और कैसे अपना आक्रमण शुरू करने वाला है। रिपोर्ट में अगले महीने या उसके बाद रूसी सेना के हमले के खतरे की ओर इशारा किया गया है। चूंकि यह दस्तावेज पांच हफ्ते पुराने हैं, ऐसे में रूसी हमला कभी भी हो सकता है। इन दस्तावेजों में 12 यूक्रेनी लड़ाकू ब्रिगेडों के ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में बताया गया है।

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यूक्रेनी सैनिकों को ट्रेनिंग दे रहे अमेरिका

इतना ही नहीं लीक हुए दस्तावेज में यह भी साफ है कि यूक्रेनी सेना के नौ ब्रिगेड में से छह 31 मार्च और बाकी 30 अप्रैल तक तैयार हो जाएंगे। एक यूक्रेनी ब्रिगेट में करीब 4000 से 5000 सैनिक होते हैं। दस्तावेजों में यूक्रेनी सेना को प्रदान किए गए हथियारों की जानकारी भी दी गई है। इसमें HIMARS रॉकेट सिस्टम का भी जिक्र है, जिसने रूसी सेना को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। पेंटागन ने सार्वजनिक तौर पर यह नहीं बताया है कि यूक्रेनी सैनिक कितनी तेजी से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

क्या बोला अमेरिका?

पेंटागन में उप प्रेस सचिव सबरीना सिंह ने बताया है कि हम सोशल मीडिया पोस्ट की रिपोर्टों से अवगत हैं और विभाग मामले की समीक्षा कर रहा है। हालांकि, विशेषज्ञों ने कहा कि लीक दस्तावेज रूसी प्रॉपगैंडा का भी हिस्सा हो सकते हैं। रूसी टीवी चैनलों पर प्रसारित हो रहे इन दस्तावेजों में से एक पर टॉप सीक्रेट का लेबल लगा हुआ है। सैन्य विश्लेषकों ने बताया कि यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि दस्तावेज ऑनलाइन कैसे लीक हो गए।