श्रीनगर: आयकर विभाग की एक शिकायत पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने टैक्स कटौती के रिफ़ंड का दावा करने के आरोप में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट सहित 405 व्यक्तियों के ख़िलाफ़ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। केंद्र शासित प्रदेश में विभिन्न सरकारी विभागों के नकली और निष्क्रिय लेखा कार्यालय पहचान संख्या (AINs) और टैक्स कटौती खाता संख्या (TAN) के साथ कथित रूप से 16.64 करोड़ रुपये की राशि वापस की गयी है।
संयुक्त आयुक्त आईटी, मनांचिरा कोझिकोड (केरल) द्वारा की गयी जांच में आयकर विभाग द्वारा फ़र्ज़ी दावों पर रिफ़ंड का पता चलने के बाद आपराधिक जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज की गयी है। उच्च पदस्थ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सूचना को आयकर आयुक्त (टीडीएस) चंडीगढ़ के साथ साझा किया गया था।
इसके बाद आयकर अधिकारी (टीडीएस), श्रीनगर ने विभिन्न व्यक्तियों के आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 131 के तहत बयान दर्ज करके आगे की विस्तृत जांच की। कथित तौर पर एक इमरान दारा, एक चार्टर्ड एकाउंटेंट, जिसने चार सरकारी विभागों के तीन नकली AIN और एक इनएक्टिव AIN का उपयोग किया और कई TAN पर भुगतान की फर्जी राशि के साथ-साथ TDS अपलोड किया।
दारा ने बाद में अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिचितों के 1,208 पैन में रिफंड क्रेडिट कर दिया। उनमें से 404 पैन धारकों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया था और उन्होंने अपने बैंक खातों में टीडीएस रिफ़ंड जमा कराया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था।
जांच में आगे पता चला कि चार एआईएन और नौ टैन का इस्तेमाल इमरान दारा ने घोटाले को अंजाम देने के लिए किया था। एआईएन उप-विभागीय मजिस्ट्रेट कार्यालय, डावर, गुरेज बांदीपोरा, प्रिंसिपल गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल कुपवाड़ा, कार्यकारी अभियंता, सुंबल, और कार्यकारी अभियंता आर एंड बी, राइट रिवर सर्कुलर रोड डिवीजन, श्रीनगर से संबंधित थे।
यह पता चला कि घोटाले में इस्तेमाल किए गए टीएएन कार्यकारी अभियंता पीडब्ल्यूडी, आरएंडबी, राइट रिवर सर्कुलर रोड डिवीजन श्रीनगर, कार्यकारी अभियंता पीडब्ल्यूडी, आरएंडबी डिवीजन सुंबल, प्रिंसिपल गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल, कुपवाड़ा, एसडीएम कार्यालय डावर गुरेज, प्रिंसिपल, गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल बड़गाम, गुरेज़, हेडमास्टर गवर्नमेंट हाई स्कूल बुलगिंदर बांदीपोरा, हेडमास्टर गवर्नमेंट सेकेंडरी स्कूल किल्शे गुरेज़, हेडमास्टर हाई स्कूल चोरवान गुरेज़, कार्यकारी अभियंता सिंचाई विभाग सुंबल सोनावरी, कार्यकारी अभियंता सिंचाई डिवीजन कुलगाम, सहायक नियंत्रक, कानूनी मेट्रोलॉजी शोपियां और सरकारी माध्यमिक स्कूल बोनियार बांदीपोरा को आवंटित किए गए थे।।
पूछताछ से पता चला कि टीएएन धारक अधिकतर स्कूली शिक्षक थे, जिन्होंने संवितरण के स्रोत पर उनके वेतन से कर की कटौती के बावजूद कोई टीडीएस रिटर्न दाखिल नहीं किया था। इसके अलावा, आहरण और संवितरण अधिकारी इस बात से अनभिज्ञ थे कि उनके नाम पर गलत रिटर्न दाखिल करके फ़र्ज़ी रिफ़ंड दावों के लिए उनके टीएएन का उपयोग किया जा रहा था।
“फ़र्ज़ी रिफ़ंड में शामिल कुल राशि लगभग 88 करोड़ रुपये है,जिसे कि चार सालों – 2018-19 से 2021-22 में अंजाम दिया गया था। विस्तृत जांच के दौरान कुल 1208 पैन को चिह्नित किया गया, जिनका इस्तेमाल फ़र्ज़ी रिफ़ंड करने के लिए किया जाना था। हालांकि, 1208 अलग-अलग पैन में से केवल 410 व्यक्तियों ने आईटीआर दाखिल किया था और 410 आईटीआर में से 404 मामलों में कुल 16.64 करोड़ रुपये का रिफ़ंड आकलन वर्ष 2018-19 और 2020-21 के लिए जारी किया गया है।
एक सूत्र ने कहा, “यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि चार्टर्ड अकाउंटेंट इमरान दारा और 404 पैन धारक अंतिम लाभार्थी थे, क्योंकि उन्हें अकेले रिफ़ंड वापस मिला था।” वही वह व्यक्ति था, जिसने यह रिफ़ंड राशि प्राप्त की थी।