भारत और अमेरिका (US India) रक्षा के क्षेत्र में अहम साथी बन चुके हैं, यह बात तो दुनिया को मालूम है। लेकिन इस दिशा में दोनों देशों के रिश्ते एक कदम और आगे बढ़ गए हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भारत का दौरा किया और अपने समकक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की।
पहली बार टेक्नोलॉजी ऑफ ट्रांसफर
सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के समय अमेरिका ने भारत को साथ में मिलकर स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन को तैयार करने की पेशकश की है। इस साल की शुरुआत में यह खबर आई थी कि अमेरिका इससे जुड़ी टेक्नोलॉजी भारत को ट्रांसफर कर सकता है। स्ट्राइकर दरअसल एक टैंक है और इसे दुनिया में सबसे शक्तिशाली करार दिया जाता है। अगर यह बात सच है तो भारत आठ ऐसे बख्तरबंद वाहनों का निर्माण करेगा। इस व्हीकल को अभी अमेरिका और कनाडा मिलकर तैयार करते हैं। टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के बाद भारतीय सेना घरेलू स्तर पर विकसित किए जा रहे बख्तरबंद लड़ाकू वाहन में कुछ तकनीक का प्रयोग कर सकेगी।
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खतरनाक हथियारों से लैस
स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहक नौ सैनिकों तक ले जा सकता है। साथ ही यह 30 मिमी तोप से लैस है। स्ट्राइकर का वजन करीब 16.5 टन है, जबकि एपीसी APC का एमजीसी वर्जन 105 मिमी वाली M1128 बंदूक से लैस है। एमजीसी वर्जन का वजन करीब 19 टन है। स्ट्राइकर दुश्मन से सीधा मुकाबला तो कर ही सकता है साथ ही साथ इसे कमांड व्हीकल या 120 मिमी मोर्टार जैसे कई हथियारों को ऑपरेट करने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है।