यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Putin) ने ऐलान किया है कि उनका देश नई पीढ़ी की परमाणु बम से लैस सरमत अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल को जल्द ही युद्धक ड्यूटी पर तैनात करने जा रहा है। इस परमाणु मिसाइल को नाटो देश ‘शैतान’ के नाम से बुलाते हैं। इसे यार्स के नाम से भी जाना जाता है। यह मिसाइल अमेरिका तक मार कर सकती है। एक यार्स मिसाइल अपने साथ 10 या उससे ज्यादा परमाणु वारहेड ले जा सकती है। इस बीच खबर आ रही है कि रूस के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक ग्रिगोरी क्लिनिशोव ने आत्महत्या कर ली है। ग्रिगोरी सोवियत संघ के थर्मोन्यूक्लियर या हाइड्रोजन बम बनाने वाले प्रमुख वैज्ञानिकों में शामिल थे।
शैतान मिसाइल को जल्द ही सेना में तैनात किया जाएगा
पुतिन (Putin) ने कहा कि शैतान मिसाइल को जल्द ही सेना में तैनात किया जाएगा। पुतिन (Putin) ने जमीन, आकाश और पानी से परमाणु हमला करने की ताकत के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘यहां पर सबसे अहम चुनौती यह है कि न्यूक्लियर ट्रायड को विकसित किया जाए जो रूसी सैन्य सुरक्षा और वैश्विक स्थिरता की गारंटी के लिए जरूरी है।’ पुतिन ने कहा कि सरमत के लॉन्चर्स को जल्द ही युद्धक ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा। रूसी राष्ट्रपति ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब यूक्रेन में जंग चल रही है और नाटो देशों के साथ रूस का तनाव अपने चरम पर है।
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इस बीच रूस के चर्चित परमाणु भौतिकविद ग्रिगोरी ने आत्महत्या कर लिया है। गिग्रोरी उन वैज्ञानिकों में शामिल थे जिन्होंने सोवियत संघ के लिए पहली बार दो चरणों वाले थर्मो न्यूक्लियर बम का निर्माण किया था। बताया जा रहा है कि उन्हें मास्को में मृत पाया गया है। बताया जा रहा है कि ग्रिगोरी ने आत्महत्या की है। उनकी लाश के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। ग्रिगोरी की उम्र 90 साल के आसपास थी।
रूस के सरकारी मीडिया ने ग्रिगोरी की आत्महत्या की जानकारी दी है।ग्रिगोरी ने रूस के RDS-37 थर्मोन्यूक्लियर बम को बनाने में मदद की थी। इस बम का साल 1955 में पहली बार परीक्षण किया गया था। इस थर्मोन्यूक्लियर बम का एक रूसी बॉम्बर से परीक्षण किया गया था। इस बम का जब धमाका हुआ था तब 240 किमी की दूरी में सभी इमारतों के खिड़की में लगे शीशे टूट गए थे।