व्लादिमीर पुतिन (Putin) का करीबी प्रिगोझिन बागी हो गया है। रूस में गृहयुद्ध जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। रूस की तरफ से शनिवार शाम हुए ऐलान किसी फिल्म के क्लाइमेक्स से कम नहीं था। पूरे दिन रूस के शहर रोस्तोव पर ड्रामा हुआ। प्राइवेट आर्म वैगनर के लड़ाकों ने आर्मी हेडक्वार्ट्स पर कब्जा कर लिया। लेकिन शाम होते-होते वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने पीछे हटने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि अब उनके लड़ाके मॉस्को की तरफ नहीं बढ़ेंगे। क्रेमलिन की तरफ से भी कहा गया कि प्रीगोझिन और उनके लड़ाकों पर कोई मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। प्रिगोझिन ने पहले अपने लड़ाकों को मॉस्को की तरफ जाने का आदेश दिया मगर फिर लड़ाकों से अचानक रास्ता बदलने को कहा। प्रिगोझिन अब बेलारूस जाएंगे। पुतिन के सामने दो दशक से ज्यादा समय के कार्यकाल में बाद यह सबसे बड़ी चुनौती थी जिसने उनकी कमजोरियों को भी सामने लाकर रख दिया है।
Putin को कभी किसी ने इतना कमजोर और असहाय नहीं देखा था
हाल के कुछ सालों में पुतिन (Putin) ने अपने कार्यकाल का ज्यादातर समय एकांत में गुजारा है। वह अक्सर मॉस्को के लेकर काला सागर के तट तक बने महलों में रहे। विशेषज्ञों के मुताबिक हैरानी की बात है कि पुतिन अक्सर रूस की जनता, नौकरशाही और सिक्योरिटी सर्विसेज से दूर रहते हैं जबकि इनकी कमान उन्हीं के हाथ में हैं। शनिवार को स्थानीय समयानुसार पुतिन ने सुबह करीब 10 बजे जनता को संबोधित किया। एक पीढ़ी पहले सत्ता संभालने के बाद से पुतिन को कभी किसी ने इतना कमजोर और असहाय नहीं देखा था जितना वह अपने संबोधन में नजर आ रहे थे। डेढ़ साल पहले जो पुतिन यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे का सोच रहे थे अब मॉस्को को बचाने की जुगत में लगे थे।
पुतिन के बाद रूस केसा होगा?
जाइगर के मुताबिक शनिवार को जो विद्रोह हुआ उसका सबसे उल्लेखनीय पहलू यही है कि सबको पता लग गया है पुतिन कमजोर हैं। उन्होंने अखबार से कहा, ‘मुझे लगता है कि वह अब वास्तव में देश नहीं चला रहे हैं। निश्चित रूप से उनका शासन उस तरह का तो नहीं है जिसके लिए वह मशहूर थे। वह अभी भी राष्ट्रपति हैं लेकिन सरकार के भीतर के मौजूद गुटों, सेना और सबसे महत्वपूर्ण, सुरक्षा सेवाओं को अब यह महसूस हो रहा है कि रूस को अब पुतिन के बाद के लिए तैयार करना होगा।
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