टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग ने हैदराबाद और विजयवाड़ा में कर सलाहकारों, रेलवे और पुलिस विभाग के कई कर्मचारियों और सॉफ्टवेयर पेशेवरों से जुड़े 40 करोड़ रुपये के बड़े पैमाने पर टैक्स रिफंड धोखाधड़ी का पता लगाया है।
इस मामले में कम से कम आठ कर सलाहकारों की जांच की जा रही है, क्योंकि उनमें से प्रत्येक ने पेंशन फंड में योगदान के झूठे दस्तावेजों के साथ और धारा 80डीडी के तहत 500 से 1,000 आईटी रिटर्न जमा किए हैं, जो कि विकलांग आश्रितों की देखभाल के लिए आयकर पर छूट देता है।
सलाहकारों ने सरकारी विभाग के कर्मचारियों से संपर्क किया और उन्हें अपना रिटर्न जमा करने और राशि पर 10% कमीशन के बदले में टैक्स रिफंड प्राप्त करने की पेशकश की। एक जांच अधिकारी के अनुसार, कुछ कर्मचारी इस बात से अनजान थे कि यह एक धोखाधड़ी वाली योजना है और वे अपना विवरण देने के लिए तैयार थे, क्योंकि उन्हें कमीशन के बदले में टैक्स रिफंड मिलेगा।
धारा 80सीसीसी पेंशन फंड में निवेश के लिए 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट की अनुमति देती है और इन कर सलाहकारों ने इस धारा के तहत रिफंड का दावा करने के लिए झूठे दस्तावेज संलग्न किए हैं।
आयकर विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यह तो एक झलक है,क्योंकि वास्तविक धोखाधड़ी इससे कहीं बहुत बड़ी हो सकती है।हैदराबाद और विजयवाड़ा दोनों में रैकेट की पूर्ण पैमाने पर जांच शुरू कर दी गयी है।
इसमें शामिल सरकारी अधिकारियों और सॉफ्टवेयर पेशेवरों को अभियोजन के नोटिस भेजे जायेंगे और जांच पूरी होने के बाद आपराधिक मामले दर्ज किये जायेंगे।