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Emergency में भी सत्ता के सामने नहीं झुके Kishore Kumar,कहा-दूसरे की इच्छा या हुकूम से नहीं गाता।

Emergency के दौरान सत्ता के सामने नहीं झुके Kishore Kumar

Emergency:हिन्दी सिनेमा में Kishore Kumar जैसा गायक न कोई था और न अब तक कोई हो पाया है। उनके हरफनमौला अंदाज और आवाज़ की जादूगरी आजतक बरकरार है। साथ ही उनके बेबाक़ अंदाज़ जिसके लिए अक्सर वो याद किए जाते हैं। कहा जाता है कि किशोर दा किसी के कहने या हुक्म मानने वालों में से नहीं थे। वो अपने हुक्म के खुद मालिक थे।

उनसे जुड़ी एक कहानी Emergency से भी है। आपातकाल के तकरीबन 48 साल हो गए हैं। आपातकाल के उस दौर में फिल्में और कलाकार कोई भी ऐसा नहीं रहा जिसे इसका दंश न झेलना पड़ा हो। कुल मिलाकर सबको इस काले दौर का शिकार होना पड़ा था।

माना जाता है कि Emergency के दौरान कांग्रेस की हालत बेहद खराब थी। अपनी खराब हालात को देखकर कांग्रेस को भी समझ आ गया था कि उन्हें एक ऐसे आवाज की जरूरत है जो उसकी बात आम जनता तक पहुंचा सके। इसके लिए उन्होंने किशोर कुमार से संपर्क किया।

आपातकाल के समय में किशोर कुमार से कहा गया कि वो इंदिरा गांधी के लिए गीत गाएं लेकिन किशोर कुमार ने इसके लिए मना कर दिया। यह बात कांग्रेस को इतनी बुरी लगी कि तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री विद्या चरण शुक्ल ने आकाशवाणी पर किशोर कुमार के गानों को चलाने पर बैन लगा दिया।

इस घटना के करीब 3 सालों तक आकाशवाणी और दूरदर्शन पर किशोर कुमार के गाए गानों को नहीं चलाए गए। लेकिन अपने बेबाक अंदाज और धुन के पक्के किशोर कुमार ने उस समय कहा कि ‘कोई भी मुझसे वो नहीं करा सकता जो मैं नहीं करना चाहता। मैं किसी दूसरे की इच्छा या हुकूम से नहीं गाता।’

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