भारत ने अर्जेंटीना के साथ तेजस (Tejas) लड़ाकू विमान की डील को लेकर पूरी राजनयिक ताकत झोंक दी है। भारत की कोशिश हर हाल में अर्जेंटीना की इस डील को हासिल करने की है। उधर, अमेरिका भी अर्जेंटीना को अपने पुराने एफ-16 लड़ाकू विमान चिपकाने की कोशिश कर रहा है। यूरेशियन टाइम्स से बात करते हुए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”इस बिक्री के पीछे भारतीय विदेश मंत्रालय (विदेश मंत्रालय) की पूरी कूटनीतिक ताकत है। भारतीय राजदूत (दिनेश भाटिया) के नेतृत्व में बातचीत अंतिम चरण में है। हम आशा पर काम नहीं करते। हम काम करते हैं।”
तेजस (Tejas) डील पर बात करने के लिए अर्जेंटीना के रक्षा मंत्री जॉर्ज एनरिक तायाना और अंतरराष्ट्रीय रक्षा मामलों के सचिव फ्रांसिस्को कैफिएरो ने जुलाई 2023 में भारत का दौरा किया। इस दौरान अर्जेंटीना के दोनो अधिकारी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की फैसिलिटी को देखने भी पहुंचे थे। अर्जेंटीना वायु सेना 2015 में अपने 16 डसॉल्ट मिराज III लड़ाकू जेट के रिटायरमेंट के बाद नए उत्तराधिकारी की तलाश में है। वर्तमान में अर्जेंटीना वायु सेना के पास 10 से भी कम ए -4 लड़ाकू बमवर्षक विमान हैं।
अर्जेंटीना दुनियाभर के अलग-अलग देशों में नए लड़ाकू विमान की तलाश कर रहा है
अर्जेंटीना के रक्षा मंत्रालय ने सितंबर 2021 में 12 नए लड़ाकू जेट खरीदने के लिए 664 मिलियन अमेरिकी डॉलर आवंटित किए हैं। इसके बाद से ही अर्जेंटीना दुनियाभर के अलग-अलग देशों में नए लड़ाकू विमान की तलाश कर रहा है।
तेजस डील पर क्या पेंच फंसा है
भारत के तेजस (Tejas) विमान में 16 पार्ट ब्रिटेन के लगे हुए हैं। इसमें तेजस के पायलट की शीट भी शामिल है। अर्जेंटीना के साथ दुश्मनी के कारण ब्रिटेन इसे बेचने की मंजूरी नहीं देगा। अर्जेंटीना भी ब्रिटिश पार्ट के बिना विमान की डिमांड कर रहा है। अमेरिका चाहता है कि अर्जेंटीना डेनमार्क के पुराने एफ-16 विमानों की खरीद करे। इसके लिए अमेरिकी राजनयिक अर्जेंटीना के संपर्क में बने हुए हैं। हालांकि, अर्जेंटीना ने अभी तक कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया है। बाइडन प्रशासन ने डेनमार्क के जरिए अर्जेंटीना को एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने के लिए अमेरिकी कांग्रेस से अनुमति मांगी है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अमेरिकी कांग्रेस जल्द ही इसकी अनुमति दे सकती है।
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