मां और बच्चे का रिश्ता दुनिया में सबसे अहम और अनमोल होता है। मां की ममता और प्यार हर इंसान के लिए बेहद जरूरी होती है। मां बच्चे की इस जरूरत को बिना किसी स्वार्थ के पूरा करती है। मां की इस ममता और प्यार को सम्मान देने के लिए एक खास दिन की शुरुआत मदर्स डे के रूप में वर्ष 1914 में हुई जिसके बाद से मातृ दिवस मनाए जाने लगा। इस दिन मां को स्पेशल महसूस कराने के लिए लोग गिफ्ट से लेकर उन्हें ढेर सारा प्यार देते हैं। उनकी मनपसंद की चीजें देते हैं। आईए जानते हैं किसने और कब मदर्स डे की शुरुआत की….
हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस साल 8 मई को मदर्स डे मनाया जा रहा है। लोग इस दिन अपनी मां को खास महसूस कराकर उन्हें यह बताने की कोशिश करते हैं कि उनके जीवन में मां की क्या भूमिका है और वह भी मां से प्यार करते हैं। पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जाने वाला मदर्स डे के मनाने की शुरुआत औपचारिक तौर पर 1914 में हुई थी।
मदर्स डे मनाने की शुरुआत एना जार्विस नाम की एक अमेरिकी महिला ने की थी। एना अपनी मां को आदर्श मानती थीं और उनसे बहुत प्यार करती थीं। जब उनकी मां का निधन हो गया को उन्होंने कभी शादी न करने का फैसला करते हुए अपनी मां के नाम अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने मां को सम्मान देने के लिए मदर्स डे मनाने की शुरुआत की। उन दिनों यूरोप में इस खास दिन को मदरिंग संडे कहा जाता था।
दुनिया में जब पहली बार मदर्स डे मनाया गया तो एना जार्विस एक तरह से इसकी पोस्टर गर्ल थीं। उन्होंने उस दिन अपनी मां के पसंदीदा सफेद कार्नेशन फूल महिलाओं को बांटे, जिन्हें चलन में ही ले लिया गया। वहीं, एना के इस कदम को देख अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने औपचारिक तौर पर 9 मई 1914 में मदर्स डे मनाने की शुरुआत की। इस खास दिन के लिए अमेरिकी संसद में कानून पास किया गया। जिसके बाद मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने का फैसला लिया गया। इसके बाद अमेरिका समेत यूरोप, भार और कई अन्य देशों में भी मदर्स डे मनाया जाने लगा।