अमृतसर के ऐतिहासिक रामबाग में स्थित प्रसिद्ध महाराजा रणजीत सिंह की आरामगाह रहा समर पैलेस को आखिरकार जनता के लिए खोल दिया गया है। इस पैलेस को रेनोवेट करने में 18 साल लग गए। यहां पर 2004 से नवीनीकरण का काम चल रहा था। खास बात यह है कि समर पैलेस बिना किसी शाही उद्घाटन के शुरू कर दिया गया है। इस पैलेस को सांस्कृतिक एवं पर्यटन विभाग को सौंप दिया गया है।
कुछ ऐसा रहा इमारत का इतिहास
कंपनी बाग के अंदर बनी समर पैलेस की इमारत 19वीं सदी में तैयार की गई थी। महाराजा रणजीत सिंह ने 1802 में अमृतसर को अपने अधिकार क्षेत्र में लिया था। इसके बाद ही इस पैलेस का निर्माण करवाया था। महाराजा रणजीत सिंह गर्मी शुरू होने पर तीन महीने तक इसी पैलेस में रहते थे। यहीं से शासन चलाते थे। बाकी के नौ महीने वह लाहौर से शासन चलाते थे।
महाराजा के जीवन की जानकारी गैलरियों से मिलेगी
समर पैलेस म्यूजियम (Summer Palace Museum) में महाराजा रणजीत सिंह (Maharaja Ranjit Singh) के जीवन को दर्शाती हुई अलग-अलग गैलरियां बनाई गई हैं ताकि जो भी पर्यटक यहां आए, उसे महाराजा रणजीत सिंह के जीवन के बारे में पूरी जानकारी मिल सके कि वह किस तरह अपना शासन चलाते थे।
पैलेस में बनाई गईं हैं विशेष गैलरियां
-समर पैलेस में बनाई गई गैलरियों में महाराजा रणजीत सिंह का दरबार लगाया है। इसमें महाराजा के अलावा सैनिक व अन्य मंत्रियों के प्रतिमाएं बनाई गई हैं।
एक अन्य गैलरी में उनकी पहली शादी का दृश्य दिखाया गया है जिसमें वह रानी मेहताब कौर के गले में वरमाला डाल रहे हैं और साथ बराती खड़े हैं।
-उनके पहले बेटे खड़क सिंह के दरबार को भी गैलरी में दर्शया गया है।
-महाराजा के दूसरे बेटे महाराजा दिलीप सिंह, रानी जिंदा आदि की प्रतिमाएं लगाई गई हैं।
-इन सभी के साथ ही एलईडी पैनल भी लगाए गए हैं ताकि टूरिस्टों को इतिहास के बारे जानकारी मिल सके।
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मिलिट्री मैनुअल फारसी में लिखा गया
इमारत में बनाई गैलरी में महाराजा रणजीत सिंह का मिलिट्री मैनुअल भी रखा गया है। इसमें उनकी सेना संबंधी सारी जानकारी है। यह मैनुअल फारसी में है।
हथियार भी किए गए प्रदर्शित
इसके साथ ही महाराजा रणजीत सिंह और उनकी सेना की ओर से प्रयोग किए जाने वाले चार नाली, दो नाली, और एक नाली बंदूक, जंबूरा गन, सोने के पतरे चढ़े हुए तोड़ेदार बंदूक, इंग्लैड से मंगवाई गई कारबाइन, नेजे, सजावटी ढाल, किरच, खंडे, तेगा, जंजीरी गोले, जंजाल गन, चार-आइना सेट, टोपीदार बंदूक, छड़ीदार बंदूक, तीर-कमान, कुल्हाड़ी आदि को प्रदर्शित किया गया है। बताते चले, समर पैलेस को पर्यटन विभाग को सौंप दिया गया है। विभाग के अधिकारी गुरप्रीत सिंह ने बताया कि पैलेस को देखने के लिए 10 रुपये टिकट रखी गई है जबकि बच्चों के लिए केवल चार रुपये टिकट रखी गई है।
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