भारत सरकार की ओर से गारंटी प्राप्‍त 100% आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों ने 18 अगस्त, 2020 तक 1.5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा के ऋण स्वीकृत किए हैं। जिनमें से 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण पहले ही वितरित किए जा चुके हैं।
सरकार ने ‘ईसीएलजीएस’ की घोषणा ‘आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज’ के एक हिस्‍से के रूप में की है जिसका उद्देश्‍य विभिन्न सेक्‍टरों, विशेषकर एमएसएमई (सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम) को ऋण प्रदान करके ‘कोविड-19’ के कारण किए गए लॉकडाउन से उत्‍पन्‍न व्‍यापक संकट को कम करना है।
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‘ईसीएलजीएस’ के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने 76,044.44 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए हैं, जिनमें से 56,483.41 करोड़ रुपये के ऋण पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। इसी तरह निजी क्षेत्र के बैंकों ने 74,715.02 करोड़ रुपये के ऋण स्‍वीकृत किए हैं, जिनमें से 45,762.36 करोड़ रुपये के ऋण पहले ही वितरित किए जा चुके हैं।
इस योजना के तहत शीर्ष ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड हैं।
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