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कैग ने युवा अधिकारियों से कहा, इस डिजिटल युग में सरकारी सूचना तंत्र को जनता के हित के लिए एजेंडा तय करना चाहिए

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक,जीसी मुर्मू

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक जीसी मुर्मू ने भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) के युवा अधिकारियों से इस तरह से काम करने में सक्षम होने को कहा, जिससे कि देश की छवि बेहतर हो। भारतीय सूचना सेवा (IIS) के अधिकारी प्रशिक्षुओं के साथ एक ओरिएंटेशन प्रोग्राम के दौरान CAG ने बल देकर कहा कि जनता को निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ जानकारी हासिल करने का अधिकार है, चाहे वह सरकार के बारे में हो या किसी अन्य के बारे में हो।

मुर्मू ने कहा कि मीडिया एक बहुत ही शक्तिशाली साधन है, जो समाज में मूल्य को जोड़ता है। शासन में सबसे अधिक दबाव वाले मुद्दों की साझा समझ बनाने और संभावित समाधान खोजने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा,”भारतीय संदर्भ में इसने सरकार की योजनाओं और पहलों का प्रसार करने में मदद की है।”

“अधिकारियों के रूप में आप मंत्रालयों और विभागों में जिन गणमान्य लोगों और पदाधिकारियों को आप कवर करने जा रहे हैं, उनका मार्गदर्शन करने में आपको सक्षम होना चाहिए। यहां पोजिशनिंग, मार्केटिंग और सिद्धांतों की भूमिका होगी।

इस बीच भारत द्वारा G20 और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता संभालने के साथ ही CAG अब SAI20 (सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस) के साथ-साथ SAI SCO की अध्यक्षता भी कर रहा है।

G20 अध्यक्षता की भारतीय थीम- “वसुधैव कुटुम्बकम” या “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के अनुरूप कैग ने विचार-विमर्श के लिए दो प्राथमिकता वाले क्षेत्रों- ‘ब्लू इकोनॉमी’ और ‘रिस्पॉन्सिबल एआई’ का चयन किया है।

इससे पहले मुर्मू ने यह भी कहा कि विश्वसनीय ऑडिटिंग महत्वपूर्ण इसलिए होगा, क्योंकि भारत का लक्ष्य 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को छूना है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का विस्तारित उपयोग, मौजूदा डेटा विश्लेषण साधनों का उन्नयन और ऑडिटिंग महत्वपूर्ण होगा।

सार्वजनिक धन के संरक्षक के रूप में माना जाने वाला CAG अब उन सभी राज्य सरकारों और यहां तक कि ज़िला स्तर के प्रशासनिक निकायों तक भी पहुंच गया है, जो कि ऑडिट कार्य में सहयोग मांग रहे हैं। इसने कुशल और सटीक ऑडिटिंग सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन और अन्य डेटा विश्लेषणात्मक साधनों सहित अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करना भी शुरू कर दिया है।

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