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सहारा में आपका पैसा है,तो Sahara Refund Portal पर कीजिए रिफंड का दावा?

Sahara Refund Portal पर आवेदन कर रिफंड का दावा करें

अगर आपका पैसा सहारा में लगा हुआ है,या फिर सहारा का पॉलिसी ले रखें है और जिसका क्लेम अभी तक नहीं मिला है,तो घबराइए नहीं आप Sahara Refund Portal पर रिफंड का दावा कीजिए और पाइए अपना पूरा पैसा।

Sahara Refund Portal लॉन्च करने के तीन सप्ताह बाद, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 4 अगस्त, 2023 को CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से अनुरोध करने वाले 112 डिपॉजिटर्स को 10,000 रुपये की रिफंड की पहली किस्त ट्रांसफर की है।बाकी के शेष रिफंड आवेदन संसाधित होते ही ट्रांसफर किए जाएंगे।

कैसे करें रिफंड राशि की जांच?

Sahara Refund Portal पर सफलतापूर्वक क्लेम सबमिट करने पर डिपॉजिटर को पोर्टल के माध्यम से एक विशेष पावती संख्या प्रदान की जाती है, इसके अलावा रजिस्टर मोबाइल नंबर पर एक पुष्टिकरण एसएमएस भी भेजा जाता है। पुष्टिकरण एसएमएस में पावती संख्या, जमा करने की सटीक तारीख और समय, साथ ही धनवापसी राशि शामिल होगी।

रिफंड राशि मिली या नहीं इसकी जानकारी कैसे मिलेगी?

डिपॉजिटर्स को एसएमएस या ईमेल के माध्यम से रिफंड स्थिति के बारे में अपडेट प्राप्त होगा। स्वीकृत रिफंड की स्थिति में, जमाकर्ता को एसएमएस या ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा कि रिफंड सफलतापूर्वक उनके बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया गया है।

लेकिन यदि रिफंड स्वीकृत नहीं हुआ है, तो एक एसएमएस या ईमेल के माध्यम से आपके पास एक मेल आएगा जिसमें यह बताया जाएगा की रिफंड क्यों नहीं मिला है।

खाते में कैसे मिलती है रिफंड राशि?

Sahara Refund Portal पर रिफंड दावा अनुरोध शुरू करने के लिए, डिपॉजिटर्स के पास अपना मोबाइल नंबर और बैंक खाता उनके आधार नंबर से जुड़ा होना चाहिए। यदि किसी जमाकर्ता का बैंक खाता उनके आधार नंबर से जुड़ा नहीं है, तो वे दावा अनुरोध शुरू नहीं हो पाएगा।

आधार सीडिंग एक महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रोटोकॉल के रूप में कार्य करता है जिसका उद्देश्य सही जमाकर्ताओं को रिफंड का सटीक वितरण सुनिश्चित करना है। सहारा रिफंड पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक वास्तविक डिपॉजिटर्स के बैंक खातों में सुरक्षित और सटीक फंड ट्रांसफर की सुविधा में आधार सीडिंग जरूरी है।

बैंक खाते को आधार संख्या से जोड़ने से सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत स्थापित हो जाती है, जिससे जमाकर्ताओं के रिफंड की सुरक्षा मजबूत हो जाती है।

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