Investors Towards India:वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत समग्र आर्थिक ख़ुशहाली और कोविड-19 के बाद के चरण में मज़बूत सुधार से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रवाह में वृद्धि हो सकती है। आंकड़े तो यही प्रदर्शित कर रहे हैं। 2012-2013 में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का प्रवाह 34.3 बिलियन डॉलर था। 2021-22 में यह 84.8 अरब डॉलर के रिकॉर्ड पर पहुंच गया। हालांकि, हालिया आंकड़े प्रवाह में मंदी का संकेत देते हैं, उद्योग पर नज़र रखने वालों का कहना है कि यह एक अस्थायी मामला हो सकता है।
एक जापानी कंपनी के सीईओ ने इंडिया नैरेटिव को बताया, “भारत के लिए प्रमुख उपलब्धियों में से एक तो यह है कि वह अपनी पिछली छवि को बदलने और चुनौतियों के बावजूद एक अनुकूल निवेश गंतव्य के रूप में उभरने में कामयाब रहा है।”
इंडिया ब्रीफिंग के अनुसार, एफ़डीआई प्रवाह में मंदी के बावजूद देश विश्व अर्थव्यवस्था में एक उज्ज्वल स्थान बना हुआ है और “एफ़डीआई में गिरावट का श्रेय रूस-यूक्रेन संघर्ष, वैश्विक मंदी के दबाव, कोविड-19 महामारी का फैलाव, और अन्य आर्थिक अनिश्चिततायें जैसे वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों को दिया जा सकता है।”
पिछले साल के अंत में जारी भारतीय उद्योग परिसंघ और ऑडिट फ़र्म ईवाई द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि सर्वेक्षण में शामिल 71 प्रतिशत बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी विस्तार योजनाओं के लिए भारत में निवेश पर विचार करने को तैयार थीं।
भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के आंकड़े को छूने पर नज़र रखते हुए भू-राजनीतिक बदलाव और आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों के बीच आक्रामक रूप से विदेशी निवेशकों को लुभा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया फ़ॉर द वर्ल्ड’ के आह्वान के बाद निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई मौजूदा बाधाओं को कम करने के केंद्र के प्रयासों ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। इसके अलावा यह ‘एडवांटेज इंडिया’ है, क्योंकि यह तैयार श्रम पूल के साथ-साथ एक विशाल घरेलू बाज़ार भी प्रदान करता है।
हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने कहा, “भारतीय उपभोक्ताओं की आय में वृद्धि से बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए स्थानीय बाज़ार विकसित करने में भी मदद मिल सकती है, जिससे भारत में उत्पादन को और अधिक उचित निवेश स्थल बनाया जा सकेगा।”
कई देश और बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी चाइना प्लस रणनीति के तहत भारत में निवेश करने पर विचार कर रही हैं। पीएम गति शक्ति, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव, मेक इन इंडिया जैसी कई योजनाओं ने इसमें मदद की है।
इस साल की शुरुआत में भारत का दौरा करने वाले ऐप्पल इंक के शीर्ष बॉस टिम कुक ने कहा था कि भारत कंपनी के लिए फ़ोकस बाज़ार है।
उन्होंने कहा था,“भारत एक अविश्वसनीय रूप से रोमांचक बाज़ार है। यह हमारे लिए एक प्रमुख फ़ोकस स्थल है।” उनका कहना था कि यह देश एक निर्णायक मोड़ पर है। कुक ने कहा कि भारत की जीवंतता अविश्वसनीय है।
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उद्योग में एफ़डीआई प्रवाह सबसे अधिक रहा है, इसके बाद ऑटोमोबाइल उद्योग में 6.99 बिलियन डॉलर रहा।
पिछले महीने गोल्डमैन सैक्स द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रतिभा और कामकाज़ी उम्र की आबादी के एक बड़े समूह के कारण भारत 2075 तक अमेरिका, जर्मनी और जापान को पछाड़कर दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। गोल्डमैन सैक्स रिसर्च के भारत के अर्थशास्त्री शांतनु सेनगुप्ता ने कहा कि भारत को अपनी पूर्ण क्षमता हासिल करने के लिए अपनी श्रम शक्ति भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए।
दिलचस्प बात यह है कि राज्य सरकारें अपने स्वयं के निवेश शिखर सम्मेलन के साथ अब एफ़डीआई का बड़ा हिस्सा हासिल करने के लिए सीधे तौर पर ख़ुद की मार्केटिंग कर रही हैं। बमुश्किल 20 साल पहले, पीएम मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात “वाइब्रेंट गुजरात” के तहत वार्षिक निवेश बैठक की मेज़बानी करने वाला एकमात्र राज्य था।
एसएंडपी के अनुसार, अगर भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के साथ-साथ ऊर्जा संक्रमण और कृषि में अपने लक्ष्यों को साकार करना है, तो शहरों, राज्यों और केंद्र सरकार के बीच आपसी समर्थन और समन्वय आवश्यक होगा। इसमें कहा गया है, “विचार-विमर्श और उद्देश्य के साथ इस गतिशीलता को आगे बढ़ाने से भारत को इस समय का फ़ायदा उठाने में मदद मिलेगी।”
इसे भी पढ़ें: गोल्डमैन सैक्स की भविष्यवाणी,भारत 2075 तक बन जायेगा दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…
मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…
हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…
इजरायल (Israel) और फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…
Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…
The Kashmir Files के डायरेक्टर पर बॉलीवुड अदाकारा आशा पारेख बुरी तरह बिफर गई। विवेक…