नरेंद्र मोदी सरकार ने इस साल के बजट में सात स्तंभों या सप्तऋषि के हिस्से के रूप में हरित विकास को रेखांकित किया है,इस बजट में 11 कंपनियों को घरेलू सौर पीवी मॉड्यूल निर्माण क्षमता की 39,600 मेगावाट की कुल क्षमता के आवंटन की घोषणा की गयी है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस क़वायद से एक लाख से अधिक नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है, जिसमें 35,010 को प्रत्यक्ष रोज़गार मिलेगा, जबकि अन्य 66,477 को अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिलेगा।
उच्च दक्षता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल्स के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के तहत दूसरी किश्त के निवेश का कुल परिव्यय 14,007 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो फ़ोटोवोल्टिक (पीवी) सेल्स को एक साथ जोड़कर बनाया गया है, जिसे सौर सेल भी कहा जाता है। इनमें सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने की क्षमता होती है। यह ऊर्जा टिकाऊ होती है, क्योंकि यह पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करती है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कुल 7400 मेगावाट की विनिर्माण क्षमता के अक्टूबर तक चालू होने की उम्मीद है और अगले साल अप्रैल तक 16,800 मेगावाट की अन्य क्षमता होने की उम्मीद है। अप्रैल 2026 तक 15,400 मेगावाट की क्षमता तैयार होने की उम्मीद है।
दूसरे किश्त के हिस्से के रूप में कुल निवेश लगभग 93,041 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
विद्युत् और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि पीएलआई योजना भारत के नवीकरणीय परिदृश्य में एक ऐतिहासिक घटना साबित हुई है, जिसके परिणामस्वरूप अगले तीन वर्षों के भीतर लगभग 48 गीगावॉट घरेलू मॉड्यूल निर्माण क्षमता है। उन्होंने कहा कि यह सफलता आत्मनिर्भर भारत की प्रगति को भी दर्शाती है।
पिछले वर्ष योजना की किश्त-I के तहत 8737 मेगावाट की कुल एकीकृत क्षमता आवंटित की गई थी। कुल घरेलू सौर पीवी मॉड्यूल निर्माण क्षमता – पीएलआई योजना के तहत आवंटित किश्त I और II को ध्यान में रखते हुए 48,337 मेगावाट है, जिसमें सरकार द्वारा प्रदान की गई 18,500 करोड़ रुपये से अधिक की संचयी सहायता है।
प्रधानमंत्री मोदी नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाकर जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करके और अंत में गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते हुए हरित विकास पर बल दिये जाने की आवश्यकता पर जोर देते रहे हैं। भारत तेज़ी से बदलते भू-राजनीतिक गतिशीलता के बीच ऊर्जा सुरक्षा हासिल करने के लिए आक्रामक रूप से बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने पिछले महीने पहले पोस्ट बजट वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा था, “2014 के बाद से प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वृद्धि के मामले में भारत सबसे तेज़ रहा है।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की प्रभावशाली स्थिति दुनिया में एक समान परिवर्तन सुनिश्चित करेगी।
विश्व आर्थिक मंच ने पहले ही इस बात का उल्लेख कर दिया था कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा में कुल 14.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है। यह वित्तीय वर्ष 2020-21 की तुलना में 125 प्रतिशत अधिक और 2019-20 की पूर्व-महामारी अवधि की तुलना में 72 प्रतिशत अधिक था। 31 अगस्त, 2022 तक बड़े जलविद्युत सहित नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की भारत में 163 GW की संयुक्त स्थापित क्षमता है।
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