अर्थव्यवस्था

Pakistan: पीटीआई के नेताओं पर कार्रवाई का सिलसिला जारी, शिरीन मज़ारी भी इस्लामाबाद में गिरफ़्तार

द न्यूज़ इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के नेताओं पर पुलिस की कार्रवाई जारी है। पार्टी की वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. शिरीन मज़ारी को इस्लामाबाद पुलिस ने शुक्रवार तड़के संघीय राजधानी में उनके आवास से गिरफ़्तार कर लिया।

शुक्रवार को संघीय राजधानी में उनके आवास पर सुबह तड़के छापे मारकर गिरफ़्तार कर लिया गया था। उनकी गिरफ़्तारी इमरान ख़ान, असद उमर, फ़वाद चौधरी, शाह महमूद क़ुरैशी, अली मोहम्मद ख़ान और सीनेटर एजाज़ चौधरी सहित कई अन्य पीटीआई नेताओं की गिरफ़्तारी की एक श्रृंखला के बाद हुई है।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>Footage of Shireen Mazari&#39;s arrest <a href=”https://t.co/xbEvEzKIrw”>pic.twitter.com/xbEvEzKIrw</a></p>&mdash; Siasat.pk (@siasatpk) <a href=”https://twitter.com/siasatpk/status/1656822781554638855?ref_src=twsrc%5Etfw”>May 12, 2023</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

असद उमर को इस्लामाबाद हाई कोर्ट से गिरफ़्तार किया गया था। द न्यूज़ इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, फ़वाद चौधरी को सुप्रीम कोर्ट परिसर से हिरासत में लिया गया, जबकि शाह महमूद क़ुरैशी को इस्लामाबाद के गिलगित बाल्टिस्तान हाउस से गिरफ़्तार किया गया।

जियो न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक़, इन सभी नेताओं को मेंटेनेंस ऑफ़ पब्लिक ऑर्डर (3MPO) की धारा तीन के तहत गिरफ़्तार किया गया है।

“पूर्व मानवाधिकार मंत्री और एसवीपी, डॉ @ShireenMazari1अवैध रूप से अपहरण कर लिया गया है; फ़ासीवादी शासन द्वारा पीटीआई नेताओं, कार्यकर्ताओं और एसएम कार्यकर्ताओं के अनगिनत अपहरणों की यह सूची बहुत बड़ी है। पाकिस्तान हर दिन एक नये निचले स्तर पर जा रहा है।’

इस बीच, पीटीआई के लिए एक बड़ी क़ानूनी जीत में अल-क़ादिर ट्रस्ट मामले में अध्यक्ष इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी को सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को “अवैध” घोषित कर दिया है, और अधिकारियों को उन्हें “तुरंत” रिहा करने का निर्देश दिया गया है।

शीर्ष अदालत ने पीटीआई प्रमुख को अपने परिवार के साथ रात गुज़ारने की अनुमति देते हुए पुलिस लाइन गेस्ट हाउस भेज दिया है।

अदालत ने इमरान ख़ान को कल तक इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के समक्ष पेश होने का भी आदेश दिया है।यह वही अदालत है, जिसने पहले उनकी गिरफ़्तारी को क़ानूनी घोषित किया था।

यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि अदालत ने एक मिसाल क़ायम की है कि किसी भी व्यक्ति को अदालत के परिसर के भीतर गिरफ़्तार नहीं किया जायेगा।

आईएन ब्यूरो

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