Hindi News

indianarrative

बाल अधिकार पैनल ने बॉर्नविटा को ‘भ्रामक’ विज्ञापनों और लेबल से बाज़ आने को कहा

प्रतीकात्मक फ़ोटो

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बोर्नविटा के निर्माता को स्वास्थ्य पेय के रूप में प्रचारित ब्रांड पर “भ्रामक विज्ञापनों और पैकेजिंग लेबल” को वापस लेने के लिए नोटिस भेजा है।

देश के बाल अधिकार संगठन द्वारा बोर्नविटा के निर्माता मोडेलेज़ इंटरनेशनल को भेजे गए इस नोटिस में कहा गया है: “आयोग के ध्यान में लाया गया है कि आपके उत्पाद में उच्च प्रतिशत चीनी और सामग्री/पदार्थ/मिश्रण/सूत्र शामिल हैं, जो कि  बच्चों के स्वास्थ्य के लिहाज़ से हानिकारक प्रभाव पैदा कर सकते हैं।”

मोंडेलेज़ इंटरनेशनल,इंडिया के अध्यक्ष दीपक अय्यर को संबोधित इस नोटिस में कहा गया है कि बोर्नविटा “FSSAI के दिशानिर्देशों और विनियमों और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत अनिवार्य स्पष्टता को प्रदर्शित कर पाने में विफल रहता है।” इस कन्फ़ेक्शनरी दिग्गज को एक सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है।

यह नोटिस ऐसे समय में आया है, जब आरोप लगे हैं कि दूध के पूरक में जो चीनी की मात्रा है,वह बहुत अधिक है।

बाल अधिकार निकाय ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण से उन कंपनियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का भी आग्रह किया है, जो खाद्य सुरक्षा या विज्ञापन पर दिशानिर्देशों को पूरा करने में विफल रहीं।

विवाद तब शुरू हुआ, जब एक सोशल मीडिया इंफ़्लयूएंसर ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि बॉर्नविटा में उच्च चीनी, कोको सॉलिड और एक हानिकारक कलर हैं।

हालांकि, बाद में जब मोंडेलेज़ इंटरनेशनल ने उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि उनके दावे भ्रामक हैं, तो उन्होंने वीडियो हटा लिया।

बोर्नविटा के एक प्रवक्ता ने पहले कहा था कि इसके दूध के पूरक का फॉर्मूलेशन “पोषण विशेषज्ञों और खाद्य वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा सर्वोत्तम स्वाद और स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया है। हमारे सभी दावे सत्यापित और पारदर्शी हैं और सभी अवयवों को विनियामक अनुमोदन प्राप्त है। पैक पर सभी ज़रूरी पोषक तत्वों की जानकारी दी गयी है, ताकि ग्राहक सोच-समझकर चुनाव कर सकें।”