कंगना रनौत अपने बयान से अक्सर ट्रोल होती रहती है। यही वजह है कि उन्हें 'पंगा क्वीन' कहा जाता है। इस कड़ी में कंगना ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसको लेकर हंगामा मचा हुआ है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति, कांग्रेस की युवा इकाई के राष्ट्रीय सचिव अमरीश रंजन पांडे और संगठन के विधि प्रकोष्ठ के सह-समन्वयक अंबुज दीक्षित ने पुलिस में कंगना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई हैं।
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने जहां एक्ट्रेस के खिलाफ शिकायत मंदिर मार्ग थाने के साइबर प्रकोष्ठ में दर्ज करायी है। वहीं, कांग्रेस की युवा इकाई के राष्ट्रीय सचिव अमरीश रंजन पांडे और संगठन के विधि प्रकोष्ठ के सह-समन्वयक अंबुज दीक्षित ने संसद मार्ग थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। उनका मानना है कि कंगना की हालिया टिप्पणियां 'राजद्रोह' के दायरे में आती हैं। साथ ही सरकार से कार्रवाई की मांग भी की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- 'कंगना को या तो मानसिक रोग अस्पताल भेजा जाए या फिर जेल भेजा जाए।'
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति का कहना है कि सोशल मीडिया पर हाल में किए गए अपने पोस्ट में रनौत ने जानबूझकर किसानों के प्रदर्शन को खालिस्तानी आंदोलन बताया है। बयान में कहा गया है कि एक्ट्रेस ने सिख समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का उपयोग किया था। कंगना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए (राजद्रोह), धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और धारा 505 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए शिकायत दर्ज कराई है।
आपको बता दें कि पीएम मोदी के ये बिल वापस लेने की घोषणा के बाद कंगना ने सरकार के इस कदम की सराहना करने वाले एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता को जवाब देते हुए लिखा था- 'यदि सड़क पर लोगों ने कानून बनाना शुरू कर दिया है और निर्वाचित सरकार संसद में यह कार्य नहीं करे, तब फिर यह एक जिहादी राष्ट्र है… उन सभी को बधाई जो इसे पसंद करते हैं।'