राज्य को स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से आंध्र प्रदेश सरकार ने इस दिशा में कई पहल शुरू की हैं। इसके तहत मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को विजयवाड़ा से स्वच्छ आंध्र प्रदेश कार्यक्रम के तहत 516 ई-ऑटो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
22.18 करोड़ रुपये के इन तिपहिया वाहनों का उपयोग 36 नगरपालिकाओं में कूड़ा-मुक्त और कचरा-मुक्त बनाने की सरकार की नीति के अनुसरण में पर्यावरण के अनुकूल तरीक़े से कचरा इकट्ठा करने के लिए किया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, इस योजना के पहले चरण के तहत ई-ऑटो की शुरूआत और वितरण से छोटी नगरपालिकाओं को अपना ख़र्च कम करने और अपने वित्तीय बोझ को कम करने में मदद मिलेगी।
इस स्वच्छता अभियान में और अधिक महिलाओं को शामिल करने के लिए उनमें से लगभग 100 को इन ई-ऑटो को चलाने का अवसर दिया जायेगा।
इसके अलावा,123 नगर पालिकाओं में रहने वाले 40 लाख परिवारों को नीले, हरे और लाल रंग की 120 लाख कचरा डालने वाली टोकरियां भी दी गयी हैं। इनसे गीले, सूखे और ख़तरनाक कचरे का उचित संग्रह हो सकेगा।
कचरे को संसाधित करने के लिए सरकार ने 71 एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनायें, 29 अपशिष्ट से खाद और चार जैव-मिश्रण परियोजनायें गीले अपशिष्ट प्रबंधन के लिए स्थापित की हैं। साथ ही, एक लाख से कम आबादी वाली 66 छोटी नगरपालिकाओं में 1,445 करोड़ रुपये की लागत से 200 से अधिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए गये हैं। बड़ी संख्या में ऐसी नगर पालिकाओं में मल कीचड़ के उपचार के लिए संयंत्र भी हैं।
वहीं विशाखापत्तनम और गुंटूर में अपशिष्ट-से-ऊर्जा उत्पन्न करने के प्लांट पर काम शुरू हो चुका है, एक और प्लांट जल्द ही शुरू किया जायेगा।