Delta Plus Variant: क्या है डेल्टा प्लस वेरिएंट? इसके खिलाफ कितनी प्रभावी है कोविशील्ड और कोवैक्सीन

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कोरोना महामारी की पहली लहर से लेकर अब तक कोविड-19 के कई स्वरूप सामने आ चुके हैं लेकिन, इसमें सबसे ज्यादा खतराक डेल्टा वेरिएंट को बताया है। विशेषज्ञों का मानना था कि दूसरी लहर में संक्रमण के तेजी से फैलने के पिछे इसी वेरिएंट की अहम भूमिका रही। अभी इस वेरिएंट का कहर खत्म नहीं था कि अब नया डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले सामने आने लगे हैं। इसे डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है।</p>
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<strong>दुनियाभर में बनी चिंता का विषय</strong></p>
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कोविड-19 का नया वेरिएंट डेल्टा प्लस भारत से लेकर दुनियाभर कि सरकार और विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गया है।  डेल्टा प्लस वेरिएंट डेल्टा का म्यूटेशन से आया है। डेल्टा को भारत में दूसरी लहर में तबाही के लिए जिम्मेदार माना जाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय की माने तो देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के करीब 40 मामले सामने आ चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस पर वैक्सीन भी बेअसर हो सकती है क्योंकि, क्योंकि ये पिछले वाले सभी वायरस से बहुत ही ज्यादा घातक है।</p>
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<strong>डेल्टा पल्स वेरिएंट क्या है?</strong></p>
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कोविड-19 का यह नया स्वरूप डेल्टा प्लस (एवाई.1) भारत में सबसे पहले सामने आए डेल्टा (B.1.617.2) में म्यूटेशन से बना है। इसके अलावा K41N नाम का म्यूटेशन जो दक्षिण अफ्रीका में बीटा वेरिएंट में पाया गया था उससे भी इसके लक्षण मिलते हैं। विशेषज्ञों ने इस लेकर चिंता जताई है उनका मानना है कि यह पहले वाले सारे वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक है। स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो देश में डेल्टा प्लस वेरियंट के 40 मामले सामने आ चुके हैं। ये 40 मामले 8 राज्यों में पाए गए हैं। ये राज्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, जम्मू और कर्नाटक हैं। WHO ने डेल्टा वेरिएंट को 'वायरस ऑफ कंसर्न' करार दिया है।</p>
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<strong>कोविशील्ड और कोवैक्सीन के खिलाफ कितनी प्रभानी?</strong></p>
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कोरोना महामारी जंग में देशभर में टीकाकरण का दूसरा अभियान चल रहा है। इसके तहत लगातार ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। देश में लग रही भारतीय टीके कोविशील्ड और कोवैक्सीन इस वेरिएंट के खिलाफ कितनी प्रभावी है, इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की माने तो ये डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं, लेकिन वे किस हद तक और किस अनुपात में एंटीबॉडी बना पाते हैं, इसकी जानकारी बहुत जल्द साझा की जाएगी। डेल्टा प्लस वेरिएंट से बचाव में टीके कितने प्रभावी हैं, इस पर भारत सहित विश्व के कई देशों में अध्ययन हो रहा है।</p>
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आईएन ब्यूरो

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