कोरोना के Omicron Variant से दुनिया भर में दहशत, जानिए क्यों वैज्ञानिक बता रहे हैं सबसे खतरनाक वैरिएंट

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दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वैरिएंट से दुनिया भर में दहशत फैल गई है। इस नए वैरिएंट को काफी खतरनाक बताया जा रहा है। इसके बारे में दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों का कहना है कि देश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले प्रांत गौतेंग में महामारी के मामलों में हुई वृद्धि के लिए यही वैरिएंट जिम्मेदार है। इस नए वैरिएंट की वजह से दक्षिण अफ्रीका में पिछले एक हफ्ते में नए केसेस 200% तक बढ़ गए हैं। अफ्रीका के अलावा ये  हॉन्ग कॉन्ग, इजराइल और बोत्सवाना तक पहुंच गया है।</p>
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<strong>कितना खतरनाक है ये वैरिएंट?</strong></p>
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विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक सलाहकार समिति ने वैरिएंट को ‘बेहद तेजी से फैलने वाला चिंताजनक वैरिएंट’ करार दिया है। इस वैरिएंट को ओमीक्रान (B.1.1.529) नाम दिया गया है। कहा जा रहा है कि वैरिएंट के कुल 50 तरह के म्यूटेशन हैं, जिसमें से 30 इसके स्पाइक प्रोटीन में है। इसी वजह से इसे डेल्टा वैरिएंट से भी खतरनाक बताया जा रहा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, तेजी से फैलने वाले दूसरे वेरिएंट की तुलना में ओमीक्रॉन से दोबारा संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है। इसका मतलब ये है कि जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे और बाद में ठीक भी हो गए, वह इस वेरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं।</p>
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इस वैरिएंट के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में भी 10 तरह के म्यूटेशन हैं। रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन वायरस का वो हिस्सा होता है जो सबसे पहले हमारी बॉडी सेल्स के संपर्क में आता है। डेल्टा वैरिएंट के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में 2 म्यूटेशन थे। ये वैरिएंट ज्यादा संक्रामक भी है। दक्षिण अफ्रीका में पिछले 1 हफ्ते में नए केसेस में 200% से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी के पीछे इसी वैरिएंट को वजह माना जा रहा है। साथ ही बोत्सवाना, इजराइल और हॉन्ग-कॉन्ग तक फैल भी चुका है।</p>
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27 देशों वाले यूरोपीय संघ ने दक्षिणी अफ्रीका से हवाई यात्रा स्थगित कर दी है. अमेरिका और कनाडा ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाले लोगों की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसे लेकर अधिकारियों के साथ मिटिंग की।</p>
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<strong>वैक्सीन करेगा काम?</strong></p>
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इस वैरिएंट के बारे में कहा जा रहा है कि ये नया स्ट्रेन है। वैक्सीन चीन में मिले वायरस के हिसाब से बनाया गया था, लेकिन ये स्ट्रैन उस मूल वायरस से अलग है। हो सकता है कि इस वैरिएंट पर वैक्सीन इफेक्टिव न हो। वैरिएंट के ओरिजिन को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि ये किसी ऐसे शख्स से फैला है, जो HIV एड्स से संक्रमित था। टुलियो डि ओलिवीरा के अनुसार, मई 2020 में दक्षिण अफ्रीका में जो बीटा वैरिएंट मिला था, वो भी एड्स से संक्रमित व्यक्ति से ही फैला था।</p>

आईएन ब्यूरो

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