Azadi के 76 साल पूरे हो रहे हैं। भारत औऱ पाकिस्तान एक साथ ही आजाद हुआ था। लेकिन, पाकिस्तान अब भी दुनिया के पिछड़े देशों में शुमार है,जबकि आजादी के बाद भारत ने काफी प्रगति की है।
भारत जब आजाद हुआ, तो हम ज्यादातर आयातित सामान पर ही निर्भर थे। लेकिन, भारत के कुशल नेतृत्व के कारण ही आज देश के लोगों की न सिर्फ़ आय 24 गुना बढ़ी है,बल्कि अनाज उत्पादन में भी 6 गुना का इजाफा हुआ है।
तीसरी अर्थव्यवस्था के मुहाने पर खड़ा भारत
आजादी(Azadi) के समय खाने-पीने की चीजें हो या रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले सामान,हर दिशा में हमने तरक्की की है। इन वर्षों में हमारा देश दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के मुहाने पर खड़ा है।
2027 तक भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था!
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत साल 2027 तक दुनिया के तीसरी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। IMF के की मानें, तो साल 2027 में भारत की अर्थव्यवस्था 5.15 लाख डॉलर के साथ अमेरिका औऱ चीन के बाद तीसरे स्थान पर होगी।
अभी भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवें स्थान पर
फिलहाल भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के पांचवें स्थान पर है। वहीं, भारत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में कृषि,उद्योग,टेक्नोलॉजी,सर्विसेज,अंतरिक्ष सभी क्षेत्रों में उतरोत्तर तरक्की की है।
आजादी के बाद प्रति व्यक्ति आय में 24 गुना की बढ़ोत्तरी
एग्रीकल्चरल स्टैटिस्टिक्स एट ए ग्लांस के मुताबिक़ भारत 1950-51 में प्रति व्यक्ति आय 7114 रुपए थी,जो अब 24 गुना बढ़कर 172000 रुपए की हो गई है।
कृषि उत्पादन के क्षेत्र में 6 गुना की वृद्धि
वहीं,कृषि क्षेत्र में भारत ने अद्भुत तरक्की की है। अनाज उत्पादन आजादी (Azadi)के समय 508 लाख टन था, जो 6 गुना बढ़कर 2021-22 में 3157 लाख टन तक पहुंच चुका है।
दूध और दालों का सबसे बड़ा उत्पादक
आजादी के इन 76 सालों में भारत दूध और दालों का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। साथ ही गेहूं-चावल और फल-सब्जियों के उत्पादन में दुनिया में दूसरे स्थान पर हैं।
सौ से ज्यादा देशों को खाद्य सामग्री निर्यात करने वाला देश बना भारत
इस तरह, आजादी के बाद के भारत ने न सिर्फ 140 करोड़ देशवासियों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करवाने में सफलता पायी है,बल्कि भारत सौ से ज्यादा देशों को खाद्य सामग्री निर्यात करने वाला देश भी बन गया है।
बढ़ते और मज़बूत होते भारत के आत्मविश्वास का प्रतीक
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों के लाख पाबंदियों के बाद भारत रूस से कच्चा तेल खरीदना न सिर्फ जारी रखे हुए है, बल्कि वहां से कई गुना आयात बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व और निर्णय लेने की बेजोड़ क्षमता के बदौतल भारत ने साफ शब्दों में पश्चिमी देशों से कह दिया है कि हम अपनी हितों की परवाह करेंगे। भारत के इस कठोर निर्णय का कई देशों ने समर्थन किया है।यह बढ़ते और मज़बूत होते भारत के आत्मविश्वास का प्रतीक है।
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