एयर इंडिया की 'कर्मचारी' लगाएंगे बोली, परिचालन खुद करना चाहते

<p id="content">एयर इंडिया के कर्मचारी एक निजी इक्विटी फंड के साथ साझेदारी करके एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की तैयारी में हैं। प्रत्येक कर्मचारी को बोली के लिए 1 लाख रुपये का योगदान करने के लिए कहा जाएगा। एयर इंडिया की प्रभारी निदेशक (वाणिज्य) ने एयर इंडिया के टीम मेंबर्स को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा, शुक्र है कि पीआईएम (प्रारंभिक सूचना ज्ञापन) ने एयर इंडिया के कर्मचारियों के लिए एयरलाइन का प्रभार और स्वामित्व लेना संभव बना दिया है। यह विभिन्न नियमों और शर्तो को मुहैया कराता है। इसे  पूरा करने की आवश्यकता है।</p>
आपको बता दें कि <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/hardeep-puri-admits-air-indias-financial-condition-crumbles-14807.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer">एयर इंडिया</a> विमान के लिए बोली लगाने की अंतिम तारीख 14 दिसंबर है। मलिक ने कहा, मोटे तौर पर, यह परियोजना स्वयं अन्य सभी प्रतिभागियों के साथ बोली प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है। जो एआई और इसकी परिसंपत्तियों का स्वामित्व लेना चाहते हैं। यदि मीडिया रिपोर्ट्स सच हैं, तो हम संभवत सबसे बड़े कॉरपोरेट में से कुछ के खिलाफ बोली लगाएंगे।

उन्होंने कहा, परियोजना के दौरान, हमें इस एयरलाइन को स्वयं, संचालित करने की हमारी इच्छा और क्षमता को प्रमाणित करने वाले विभिन्न दस्तावेज और प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे। वित्तीय रूप से, मुझे पता है कि हमारे पास इस बोली प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आवश्यक संसाधन नहीं है। इसलिए हमने एक निजी इक्विटी फंड की ओर रूख किया है। जो हमारे साथ कंपनी में निवेश करेगा और लाभ साझा करेगा। मुझे इस बात पर जोर देना है, हम अपने वित्तीय साझेदार के साथ इस तरह की बातचीत कर रहे हैं कि हमारा कर्मचारी प्रबंधन कंसोर्टियम सामूहिक रूप से हमारे एयरलाइन के 51 प्रतिशत (यानी बहुसंख्यक) हिस्से को नियंत्रित करेगा और वित्तीय साझेदार का कंपनी में 49 प्रतिशत हिस्सा रहेगा।

मलिक ने कहा, इस प्रक्रिया में सफल होने के लिए हमें एक-दूसरे से दो अन्य प्रतिबद्धताएं करनी है। सबसे पहले, पूर्ण विवेक और गोपनीयता का आश्वासन। जैसा कि आप जानते हैं, कोई भी जानकारी अगर लीक हुई तो, यह हमारी बोली और अवसरों को खतरे में डालेगा। इसलिए मैं आप सभी से अपील करता हूं कि जो भी हमारे छोटे समूह का हिस्सा नहीं है, उसके साथ इस मामले पर चर्चा न करें। दूसरा, परियोजना के प्रति प्रतिबद्धता, क्योंकि यह आपके समर्पण, आपके श्रम और आपकी सफलता के लिए है।.

रोहित शर्मा

Guest Author

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago