राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा है कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के राज्य में प्रवेश करने की आशंका के मद्देनज़र एहतियात के तौर पर उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंहनगर ज़िलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
डीजीपी ने एएनआई को बताया, “खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के राज्य में प्रवेश करने की संभावना के मद्देनजर एहतियात के तौर पर राज्य के देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंहनगर जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।” उन्होंने कहा कि पुलिस इन तीनों ज़िलों की सीमाओं और अन्य क्षेत्रों में सघन जांच कर रही है।
ग़ौरतलब है कि राज्य के ये तीनों ज़िले 90 के दशक में आतंकवाद से प्रभावित रहे हैं।
गुरुवार को पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी), मुख्यालय, सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि राज्य में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के आरोप में कुल 207 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनमें से 30 को आपराधिक गतिविधियों में पाया गया है, जबकि शेष रोकथाम गिरफ़्तारी के अधीन हैं।
उन्होंने कहा, “पुलिस टीमें गिरफ़्तार किए गए सभी व्यक्तियों की गहन जांच कर रही हैं और जल्द ही उन्हें पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया जायेगा।”
आईजीपी ने कहा कि यह ऑपरेशन मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर पंजाब के मासूम नौजवानों को देश विरोधी ताक़तों के हाथों में खेलने से बचाने के उद्देश्य से चलाया गया था।
“पंजाब पुलिस को मुख्यमंत्री की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि चल रहे ऑपरेशन के दौरान किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान न किया जाए। पुलिस टीमों ने अमृतपाल सिंह के परिवार के सदस्यों को भी परेशान नहीं किया है।
आईजीपी गिल ने बताया कि पंजाब पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में बलजीत कौर नाम की महिला को 19 मार्च को हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित अपने घर में अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगी पप्पलप्रीत सिंह को शरण देने के आरोप में गिरफ़्तार किया है। आरोपी बलजीत कौर ने खुलासा किया है पप्पलप्रीत पिछले ढाई साल से उसके संपर्क में थी।
खालिस्तान समर्थक भगोड़े नेता और कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को लेकर चल रही तलाश में एक बड़ी सफलता में सुखचैन सिंह गिल ने खुलासा किया कि वारिस पंजाब डी प्रमुख का अंतिम ठिकाना हरियाणा में था।
गुरुवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित करते हुए आईजीपी ने कहा, “हम अब भी सक्रिय रूप से अमृतपाल सिंह की तलाश कर रहे हैं और पता चला है कि इसका आख़िरी ठिकाना हरियाणा में था। हमने बलजीत कौर नाम की महिला को हिरासत में ले लिया है। अमृतपाल कुरुक्षेत्र (हरियाणा) में इस महिला के घर पर रुका था और वारिस पंजाब दी प्रमुख और उसके क़रीबी पिछले ढाई साल से उसके संपर्क में थे। आईजीपी ने कहा कि बलजीत कौर ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि अमृतपाल और उसका प्रमुख सहयोगी पापलप्रीत सिंह दोनों 19 मार्च की रात उसके घर पर रुके थे।
आईजीपी ने कहा, “हमने हरियाणा पुलिस की मदद से बलजीत कौर को गिरफ़्तार कर लिया। उसने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि 19 मार्च की रात पापलप्रीत सिंह और अमृतपाल दोनों उसके यहां ठहरे थे। उसने कहा कि उसके पास पिछले कुछ वर्षों से अधिक समय से पापलप्रीत है और वह कई मौकों पर उसके घर पर रहा है।”
“रात रुकने के बाद, वे अगले दिन वहां (उसके घर) से चले गये। हम सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।’
पंजाब के आईजीपी ने आगे बताया कि अमृतपाल और उनके सहयोगी ने जालंधर के सेहोवाल गांव में एक गुरुद्वारे के पास अपना दोपहिया वाहन बदला और नदी पार करने के लिए एक नाव लेने की कोशिश की।
आईजीपी ने कहा, “हमारी टीम उसकी तलाश में लगी हुई है। हम उसके ठिकाने का पता लगाने के लिए कई स्थानों से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं। उन्होंने सहोवाल गांव के एक गुरुद्वारे में अपना दोपहिया वाहन बदला और नदी पार करने के लिए नाव लेने की कोशिश की। हालांकि, वे ऐसा कर पाने में विफल रहे और अंततः नदी के उस पार जाने के लिए एक ओवरब्रिज का इस्तेमाल किया। ”
आईजीपी ने कहा, “दूसरे दोपहिया वाहन में घूमने के बाद उन्होंने एक ऑटो-रिक्शा किराये पर लिया। इसके बाद ये कुरुक्षेत्र चले गए। गुरपेज (अमृतपाल को भगाने में कथित तौर पर मदद करने के लिए गिरफ़्तार किए गए चार लोगों में से एक), जो वर्तमान में हमारी हिरासत में है, ने हमें बलजीत कौर के अलावा एक अन्य महिला के बारे में बताया, जिसके यहां वह शरण के लिए आ सकता है।“
उन्होंने कहा कि चल रही कार्रवाई के दौरान खन्ना पुलिस के पास अमृतपाल का एक और क़रीबी साथी भी है, जिसकी पहचान खन्ना के गांव मांगेवाल निवासी तेजिंदर सिंह गिल उर्फ़ गोरखा बाबा (42) के रूप में हुई है। पुलिस टीमों ने उसके कब्ज़े से आनंदपुर खालसा फ़ौज (AKF) के होलोग्राम और हथियार प्रशिक्षण वीडियो सहित कुछ आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की है।
22 मार्च को खन्ना के मलौद पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 और 336 और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
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