Chandigarh:खालसा वॉक्स की रिपोर्ट के अनुसार, चंडीगढ़ भारत के सभी केंद्र शासित प्रदेशों में शीर्ष सौर ऊर्जा जनरेटर के रूप में उभरा है।
केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने संसद के चल रहे मानसून सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि 30 जून तक चंडीगढ़ में 63.59 मेगावाट की प्रभावशाली स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता थी। सौर ऊर्जा क्षमता में 53.29 मेगावाट के साथ चंडीगढ़ के बाद जम्मू-कश्मीर का स्थान है। इसके बाद 43.26 मेगावाट के साथ पुदुचेरी, 41.01 मेगावाट के साथ दमन और दीव, 29.91 मेगावाट के साथ अंडमान और निकोबार, 7.80 मेगावाट के साथ लद्दाख, 5.46 मेगावाट के साथ दादर और नगर हवेली और 3.27 मेगावाट के साथ लक्षद्वीप सौर ऊर्जा क्षमता में आते हैं।
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने ख़ुलासा किया कि सरकार ने 2022 तक पूरे देश में 100 गीगावॉट सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, लेकिन राज्य-वार लक्ष्य विशेष रूप से निर्धारित नहीं किए गए हैं। खालसा वॉक्स के अनुसार, 30 जून तक देश में स्थापित कुल सौर ऊर्जा क्षमता प्रभावशाली 70.10 गीगावॉट तक पहुंच गयी है, जिसमें अतिरिक्त 55.90 गीगावॉट की स्थापना की जा रही है।
खालसा वॉक्स के अनुसार, सौर ऊर्जा के दोहन के लिए चंडीगढ़ के प्रयास सराहनीय रहे हैं, यूटी प्रशासन ने शुरुआत में 15 अगस्त तक 75 मेगावाट हासिल करने का लक्ष्य रखा था। हालांकि, स्वतंत्रता दिवस पर समय सीमा पूरी नहीं हो सकती है, लेकिन चंडीगढ़ नवीकरणीय ऊर्जा और विज्ञान की शासी निकाय और टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी (CREST), जो शहर में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को लागू करने के लिए जिम्मेदार एजेंसी है, उसने इस साल दिसंबर तक समय सीमा बढ़ाने का फ़ैसला किया है।
यूटी को एक मॉडल सौर शहर के रूप में विकसित करने के लिए प्रशासन ने 2025 तक 100 मेगावाटपी का लक्ष्य हासिल करने पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके अतिरिक्त, 2030 तक शहर की सौर ऊर्जा उत्पादन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जायेगा। कुछ प्रस्तावित परियोजनाओं में सेक्टर 39 में वाटरवर्क्स पर दो फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र, आईटी पार्क में डीटी मॉल के पास पार्किंग क्षेत्र के शेड पर 1 मेगावाटपी सौर संयंत्र और संस्थागत भवनों पर छत पर सौर ऊर्जा परियोजनायें शामिल हैं।
शहर भर में स्थापित की जा रही कुल 23 सौर ऊर्जा परियोजनाओं के साथ चंडीगढ़ हरित भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण क़दम उठा रहा है। इस समय 4.5 मेगावाटपी की संयुक्त क्षमता वाले 20 सौर ऊर्जा संयंत्र पूरे होने वाले हैं।