राष्ट्रीय

China की बढ़ी टेंशन! हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गरज रहीं 4 देशों की नौसेना, वजह जान लीजिए

ऑस्‍ट्रेलिया के स‍िडनी में मालाबार एक्सरसाइज-2023 शुरू हो गई है। वहीं, चीन (China) इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। कई बार आक्रामक रुख भी दिखा रहा है। ये इंडो पैसिफिक रीजन के चार अहम देशों की नेवी के बीच हो रही है। इसमें भारत, ऑस्‍ट्रेलिया, अमेरिका और जापान के वॉरशिप हिस्सा ले रहे हैं। शुक्रवार से शुरू हुई यह एक्सरसाइज 21 अगस्‍त तक चलेगी। इंडो-पैसिफिक में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के कॉमन इंटरेस्ट हैं। ये चारों देश फ्री और ओपन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की वकालत करते रहे हैं। पहली बार मालाबार एक्सरसाइज इंडो-पैसिफिक रीजन में हो रही है।

ऑस्ट्रेलिया की नेवी कर रही होस्ट

इंडियन नेवी के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि मालाबार एक्सरसाइज पहली बार ऑस्ट्रेलिया की नेवी होस्ट कर रही है। इस एक्सरसाइज में इंडियन नेवी के दो फ्रंटलाइन वॉरशिप INS सहयाद्री और INS कोलकाता हिस्सा ले रहे हैं। ये दोनों ही स्वदेशी वॉरशिप हैं। US नेवी, जापान मेरिटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी के वॉरशिप के साथ इंडियन नेवी के शिप एक्सरसाइज में शामिल हो रहे हैं।

यह एक्सरसाइज दो फेज में हो रही है। इसमें पहला हार्बर फेज होगा और दूसरा सी (Sea) फेज। पहले फेज में चारों देशों के नेवी के लोग एक-दूसरे के वॉरशिप में जाएंगे और एक दूसरे की प्रोफेशनल प्रैक्टिस से सीखेंगे। सी फेज में कई हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज होंगी। इसमें एंटी सर्फेस, एंटी एयर और एंटी सबमरीन एक्सरसाइज होगी। यानी कैसे दुश्मन के सतह में मौजूद टारगेट को नष्ट करना है और इसी तरह हवा में मौजूद दुश्मन के टारगेट को निशाना बनाने की प्रैक्टिस के साथ ही दुश्मन की सबमरीन को कैसे ध्वस्त करना है, ये सब चारों देशों की नेवी मिलकर प्रैक्टिस करेंगी।

यह भी पढ़ें: China की नई चाल का खुलासा! चप्पे-चप्पे पर लगा रहा कैमरा, इस मामले में कैसे काम कर रही शी सरकार?

भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और यूएस की नेवी मिलकर एक दूसरे शिप में कैसे लैंड करना है यह भी देखेंगे। एक दूसरे के साथ टीम में काम कर देखेंगे कि जरूरत पड़ने पर ये चारों नेवी मिलकर कैसे किसी ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं। यह चीन (China) के लिए एक बड़ा संदेश है। अगर चीन पर प्रेशर बढ़ाने की जरूरत पड़ी तो ये चारों नेवी मिलकर ये काम कर सकती हैं। चारों देशों के बीच कई लॉजिस्टिक अग्रीमेंट भी हैं। ये एक दूसरे के पोर्ट में जा सकते हैं और एक दूसरे के वॉरशिप जरूरी चीजें दूसरे के पोर्ट से ले सकते हैं।

आईएन ब्यूरो

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