कोरोना के बाद संसद की कवरेज कर रहे पत्रकारों के लिए बहुत कुछ बदला हुआ मिलेगा। अभी तक प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक और न्यूज एजेंसी के पत्रकार प्रायः  एक साथ संसद की रिपोर्टिंग किया करते थे लेकिन अब संसद के नये नियमों के तहत ऐसा संभव नहीं होगा। सांसदों की तरह अब पत्रकारों को भी नये नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को कहा कि कोरोना के खतरे के कारण विशेष सतर्कता के साथ मानसून सत्र का संचालन होगा। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि सांसदों के अटेंडेंस के लिए मोबाइल ऐप की व्यवस्था है। सत्र में हिस्सा लेने के दौरान सांसद मोबाइल ऐप के जरिए अपनी हाजिरी लगा सेकेंगे। कोरोना के कारण सोशल डिस्टेसिंग का कड़ाई से पालन होगा। न्यूज एजेंसी के पत्रकारों को नियमित एंट्री मिलेगी, लेकिन अन्य मीडिया संस्थानों के पत्रकारों को रोटेशन के आधार पर कवरेज के लिए एंट्री मिलेगी। ताकि पत्रकार दीर्घा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। वहीं कोरोना के खतरे को देखते हुए सेंट्रल हाल का पास होने के बावजूद पत्रकार वहां तक नहीं जा सकेंगे। संसद भवन परिसर में मौजूद कैंटीन में पहले की तरह भोजन नहीं उपलब्ध होगा। इसकी जगह आवश्यकता के अनुरूप पैक्ड भोजन उपलब्ध होगा।
लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि सांसदों के ड्राइवर, निजी सचिव आदि बाहर ही रहेंगे। संसद सत्र के संचालन के दौरान बीच-बीच में सांसदों का कोविड 19 टेस्ट भी होता रहेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय की सभी तरह की गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन होगा।.
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