ब्रिटेन में मिले कोरोना के नये स्ट्रेन को लेकर भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में अगला कदम उठाने पर सोच-विचार चल रहा है। भारत में भी ब्रिटेन से लौटे 50 यात्री कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि इनमें नया स्ट्रेन है या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। अभी इनके जीनोम सिक्वेंसिंग की प्रक्रिया चल रही है। इसलिए नए स्ट्रेन को लेकर भारत में उपचार और जांच की प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत नहीं है।
शनिवार को नए स्ट्रेन से जुड़े हालातों को लेकर राष्ट्रीय टास्क फोर्स की बैठक हुई जिसमें फैसला लिया है कि हर राज्य से कम से कम पांच फीसद सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग होगी। बता दें कि 21 से लेकर 23 दिसंबर तक ब्रिटेन से आए यात्रियों में से करीब 50 कोरोना संक्रमित मिले हैं जिनके जीनोम सिक्वेंसिंग की प्रक्रिया अभी चल रही है। अभी तक भारत में नए स्ट्रेन की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन की ओर से पिछले 28 दिन में भारत आए सभी यात्रियों की सूची राज्यों को उपलब्ध करा दी गई है।
पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार को दी सिफारिशों में फोर्स ने साफ कहा है कि नए स्ट्रेन की पहचान कर पाना देश के लिए काफी मुश्किल है। ऐसे में जरूरी है कि सभी राज्य पूरी एहतियात बरतें। निगरानी में किसी प्रकार की चूक होने पर भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बैठक में मौजूद विशेषज्ञों का कहना है कि नए स्ट्रेन का असर अब तक पता नहीं चला है। ऐसे में जांच, उपचार और टीका को लेकर कोई बदलाव की आशंका का सवाल ही नहीं होता। जब तक वैज्ञानिक तौर पर इसके असर की पुष्टि नहीं हो जाती है तब तक किसी भी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता नहीं है। देश की छह लैब में जीनोम सिक्वेंसिंग हो रही है।.
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