दिवाली के अगले दिन दिल्ली की हवा खराब हो गई है। दिवाली की रात पूरी दिल्ली में पटाखे छुटे जिसाका नतीजा आज देखने को मिल रहा है। सुबह से ही आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी महसूस हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को पराली जलाए जाने से उठने वाले धुएं के कारण हालात और बिगड़ सकते हैं। शुक्रवार सुबह दिल्ली के जनपथ में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर मापी गई। PM 2.5का स्तर 655.07तक पहुंच गया। सरकारी मानकों के मुताबिक, पीएम 2.5का स्तर 380के ऊपर जाना ही गंभीर माना जाता है। दिल्ली सरकार ने पटाखों की ब्रिकी और उन्हें जलाने पर पाबंदी लगाई थी, लेकिन लोगों ने नियमों को ताक पर रखकर खुलेआम सड़कों पर पटाखे फोड़े।
पटाखों के बाद पराली दिल्ली की परेशानी और ज्यादा बढ़ा देगी। SAFAR की भविष्यवाणी के मुताबिक, दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी 5नवंबर को 35फीसदी, फिर 6नवंबर को 40फीसदी तक हो जाएगी। फिर 7नवंबर से इसमें कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन दिल्ली की हवा तब भी बेहद खराब बनी रहेगी। डॉक्टर्स-एक्सपर्ट्स यही सलाह दे रहे हैं कि घरों से बाहर हो सकें तो ना निकलें। अगर कोई जरूरी काम नहीं है तो खासकर बच्चे और बुजुर्ग घर से बाहर बिल्कुल न जाएं।
दिल्ली में 33वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 33ने एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गुरुवार रात को गंभीर श्रेणी में पहुंच गयी क्योंकि लोगों ने सरकार के प्रतिबंधों का घोर उल्लंघन करते हुए दिवाली पर जमकर पटाखे जलाए। पड़ोसी शहरों फरीदाबाद (454), ग्रेटर नोएडा (410), गाजियाबाद (438), गुरुग्राम (473) और नोएडा (456) में वायु गुणवत्ता शुक्रवार को सुबह गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई।