हथियार बनाने वाले DRDO ने कोरोना के खिलाफ बना डाली संजीवनी, देखें कैसे काम करती है ये देसी दवाई

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डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) द्वारा तैयार की गई ओरल एंटी-ड्रग दवा 2-deoxy-D-glucose (2-DG) को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने मंजूरी दे दिया है। कोविड मरीजों के देखते हुए बनाई गई इस दवा से मरीज जल्‍द रिकवर करेंगे और मेडिकल ऑक्‍सीजन पर उनकी निर्भरता कम होगी। डिफेंस मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इसे इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई है। ट्रायल के दौरान इस दवा का कोई साइड-इफेक्ट भी नहीं देखने को मिला है। यह दवा पाउडर के रूम में होगी और इसकी पैकेजिंग सैशे में होगी इसे पानी में घोलकर पीया जा सकता है।</p>
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<strong>कोरोना से कैसे लड़ेगी यह दवा</strong></p>
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2-DG दवा मरीज के उन सेल्‍स तक पहुंचती है जो कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित है और वहां पर वायरल सिंथेसिस व एनर्जी प्रोडक्‍शन के प्रोसेस को रोकती है। मंत्रालय ने कहा कि सीधे संक्रमण वाले सेल्‍स पर ही काम करना इस दवा को सबसे खास, अलग और इतनी प्रभावी बनाती है। सरकार ने कहा है कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान ऐसे मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा रही जिन्हें यह दवा देने के बाद मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी। दवा देने के तीसरे दिन तक अधिकतर मरीजों को मेडिकल ऑक्सीजन के सपोर्ट से हटा दिया गया और उनका रिस्पॉन्स बेहतर रहा। वहीं, दिन मरीजों को यह दवा नहीं दी गई थी, उन्हें तुलनात्मक रूप से ज्यादा दिन तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ा।</p>
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<strong>अस्पताल से जल्दी मिलेगी छुट्टी</strong></p>
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क्लिनिकल ट्रायल के दौरान जिन्हें यह दवा दी गई इलाज के दौरान उनकी स्थिति तीसरे दिन तक बेहतर रही। मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना की इस दूसरी लहर के दौरान मरीजों को मेडिकल ऑक्‍सीजन और अस्‍पताल में भर्ती होने की जरूरत बढ़ी है। ऐसे में यह दवा संक्रमित सेल्‍स से लड़ेगी और मरीजों की जान बचाने में मददगार सबित होगी। इससे मरीजों को अधिक दिन तक अस्‍पताल में भर्ती होने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।</p>
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<strong>DRDO की INMAS लैब ने बनाया यह दवा</strong></p>
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अप्रैल 2020 में कोरोना की पहली लहर के दौरान INMAS-DRDO के वैज्ञानिकों ने सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिकुलर बायोलॉजी (CCMB), हैदराबाद के साथ मिलकर लैब एक्‍सेरीमेंट किया था। जहां वैज्ञानिकों ने पाया कि यह मॉलिक्‍यु‍ल SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ प्रभावी है और वायरस के ग्रोथ को रोकने में भी असरदार है। इंस्‍टीट्यूट ऑफ न्‍यूक्लियर मेडिसिन एंड अलाइड साइंसेज (INMAS) ने इस एंटी कोविड19 ड्रग को तैयार किया है। यह DRDO का ही एक लैब है।</p>
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दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के दौरान यह दवा जिन कोरोना मरीजों को दी गई उनमें अच्छी रिकवरी देखने को मिली। इस दौरान पाया गया यह दवा सुरक्षित है। कोविड-19 मरीजों के सामान्‍य इलाज और इस 2-DG ड्रग के जरिए इलाज में 2.5 दिन का महत्‍वूपर्ण अंतर देखने को मिला। दूसरे चरण के बाद जब तीसरे चरण की अनुमति मिली तो इस दौरान 220 मरीजों पर दवा का ट्रायल किया गया। इस दौरान देखने को मिला कि पहले की तुलना में मरीजों को कम समय के लिए मेडिकल ऑक्‍सीजन पर निर्भर रहना होगा। 65 साल से अधिक उम्र के मरीजों में भी तेजी से सुधार देखने को मिला है।</p>
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आईएन ब्यूरो

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